नोएडा, 23 सितंबर (आईएएनएस)। मुस्लिम महासभा के प्रवक्ता और इस्लामी विद्वान हाजी नाजिम ने मंगलवार को गरबा नृत्य के संबंध में हिंदू संगठन की तरफ से जारी किए गए दिशा निर्देश की निंदा की।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने इसे समाज में नफरत फैलाने वाला दिशानिर्देश बताया और कहा कि इसे मौजूदा समय में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। ये लोग इस तरह का कदम उठाकर समाज में नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जो बिल्कुल अनुचित है।
उन्होंने कहा कि गौर करने वाली बात है कि किसी शासन या प्रशासन की तरफ से इस संबंध में किसी भी प्रकार का दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है, बल्कि एक धार्मिक संगठन की तरफ से जारी किया गया है, जिसका अब कोई मतलब नहीं रह जाता है।
इसके अलावा, उन्होंने मीट की दुकानों को बंद करने की मांग करने वाले लोगों की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि जो लोग 10 दिनों तक मीट की दुकानों को बंद करने की मांग कर रहे हैं, ऐसे लोगों से मैं कहना चाहूंगा कि वे उन मीट की दुकानों के संचालकों के 10 दिनों के घर का खर्चा दें, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो। मैं तो कुल मिलाकर यही कहना चाहूंगा कि इन लोगों को किसी के भी हित से कोई लेना देना नहीं है। ये लोग सिर्फ अपना हित साधने के लिए इस तरह की उल्टी सीधी मांग कर रहे हैं, जिसका कोई औचित्य नहीं बनता है।
उन्होंने गरबा नृत्य को लेकर हिंदू संगठन के दिशा निर्देश की आलोचना की और कहा कि अगर कोई हिंदू अपने गरबा नृत्य में अपने किसी मुस्लिम दोस्त को आमंत्रित करता है, तो उन्हें मिर्ची किस बात की लग रही है? यह देश तो हिंदू-मुस्लिम सभी लोगों का है। हमारा देश तो गंगा-जमुनी तहजीब के लिए ही जाना जाता है। लेकिन, यह लोग अपने निर्देश से लोगों के बीच में नफरत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, देश की जनता इन लोगों को किसी भी कीमत पर स्वीकार करने वाली नहीं है। साथ ही, मैं ऐसे लोगों को कहना चाहूंगा कि वो मेरे त्योहारों में आएं और देखें किस तरह से हमारे यहां पर नफरत का पैगाम बांटा जाता है।
–आईएएनएस
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