नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में हो रहे पंचायत चुनाव में हिंसा के लिए राज्य की ममता बनर्जी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल सरकार चुनाव जीतने के लिए सत्ता का सिर्फ दुरुपयोग ही नहीं कर रही है बल्कि हिंसा के जरिए चुनावों को प्रभावित कर रही है।
उन्होंने लोकतंत्र की बात करने वाले अन्य विपक्षी दलों की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र के हृदय की गति माने जाते हैं लेकिन बंगाल में कुछ वैसा ही हो रहा है जैसा 90 के दशक में बिहार में हुआ करता था। लोकतंत्र के इस पर्व को रक्तरंजित करने के लिए जितने कृत्य बंगाल की सरकार ने किए हैं, वह एक के बाद एक संवैधानिक उपकरणों से एक्सपोज होते जा रहे हैं। न्यायालय ने भी उन्हें एक्सपोज कर दिया और उनके मन का भाव सामने आ गया।
भाजपा प्रवक्ता ने पश्चिम बंगाल सरकार पर हिंसा, भ्रष्टाचार और अपराधियो को प्रत्यक्ष राजनीतिक सरंक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि बंगाल में वर्षों से लगातार हिंसा जारी है और इसमें उत्तरोत्तर बढ़ोतरी होती जा रही है। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है, कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों के कार्यकर्ताओं की भी हत्या हो रही है। अब तो हालत यह हो गई है कि तृणमूल नेता ही एक-दूसरे की हत्या करवाने में लगे हैं, एक-दूसरे गुट के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं।
बंगाल की हिंसा पर देश के अन्य विरोधी दलों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें ( बंगाल की हिंसा) किसी को भी लोकतंत्र में समस्या नजर नहीं आ रही है और न ही लोकतंत्र की हत्या नजर आ रही है क्योंकि यह सब वे लोग हैं जिनको किसी भी कृत्य में भाजपा का और प्रधानमंत्री मोदी का विरोध ही नजर आता है, चाहे कार्यकर्ताओं की हत्या हो जाए चाहे लोकतंत्र रक्तरंजित हो जाए। उन्होंने पश्चिम बंगाल की गरिमा और वैश्विक पहचान का जिक्र करते हुए इसे भारतीय राजनीति का दु:खद उदाहरण करार दिया।
एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी और कांग्रेस पर पलटवार करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि निवर्तमान सांसद राहुल गांधी कांग्रेस वालों के लिए बहुत सम्मानीय और अभिनंदनीय हैं यद्यपि अदालत की नजर में वह निंदनीय हैं और आज राहुल गांधी राजनीतिक दृष्टि से दयनीय स्थिति में आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर उनके मन में किसानों के लिए वाकई हमदर्दी है तो जहां से वह सांसद चुने गए थे उस केरल में उन्होंने उन कृषि कानूनों को रद्द क्यों नहीं करवाया जिसका उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर विरोध किया था। उन्होंने राहुल गांधी से जुड़े कई वाक्यों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके आचरण में हकीकत कम और फसाना अधिक नजर आता है।
–आईएएनएस
एसटीपी/एकेजे