deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी को एनआईए अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा

by
December 10, 2024
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने आतंकी साजिश के एक मामले में मंगलवार को हिजबुल मुजाहिदीन के एक प्रमुख आतंकवादी को दो आरोपों में सश्रम कारावास और एक आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई।

READ ALSO

अब रेलकर्मी एवं उनके आश्रित एलटीसी पर वंदे भारत, दूरंतो व तेजस में कर सकेंगे सफर

राहुल गांधी ने अपनी दादी का अपमान किया

उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले करने की आपराधिक साजिश में असम के जिला होजई के कमरूज जमान को एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया।

सितंबर 2018 में एटीएस लखनऊ से मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने फिर से केस दर्ज किया था। मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। उनमें एक फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद भी शामिल था, जो सितंबर 2019 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।

एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपी कमरूज जमान ने सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी और विभिन्न हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की साजिश की तैयारियों को अंजाम दिया था। वह सारी बातें जानते हुए हिजबुल मुजाहिदीन की आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल था।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कमरूज जमान को आरोपी ओसामा बिन जावेद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाया गया था। इन दोनों को दो सक्रिय आतंकवादियों द्वारा भर्ती किया गया था, जिनकी पहचान आतंकी संगठन के जिला कमांडर मोहम्मद अमीन और उप जिला कमांडर रियाज अहमद उर्फ हजारी के रूप में हुई है। दोनों जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के निवासी थे।

एनआईए ने बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन के दोनों आतंकवादियों ने किश्तवाड़ के जंगलों में कमरूज जमान और ओसामा बिन जावेद को शारीरिक और हथियार संचालन का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद कमरूज जमान को उत्तर प्रदेश, असम और देश के अन्य हिस्सों में बेस और ठिकाने बनाने तथा आतंकवादी गतिविधियों के लिए टारगेट की पहचान करने का निर्देश दिया गया था। निर्देश के अनुसार, कमरूज उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचा था, जहां उसने कुछ लक्ष्यों की रेकी भी की थी।

एनआईए की विशेष अदालत ने मंगलवार को कमरूज को आईपीसी की धारा 120बी के तहत 10 साल की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। यूएपीए की धारा 17 के तहत उसे उम्र कैद और 10 हजार रुपये के जुर्माने और धारा 39 के तहत 10 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

प्रत्येक मामले में जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे अतिरिक्त तीन माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

–आईएएनएस

एकेजे/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने आतंकी साजिश के एक मामले में मंगलवार को हिजबुल मुजाहिदीन के एक प्रमुख आतंकवादी को दो आरोपों में सश्रम कारावास और एक आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई।

उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले करने की आपराधिक साजिश में असम के जिला होजई के कमरूज जमान को एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया।

सितंबर 2018 में एटीएस लखनऊ से मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने फिर से केस दर्ज किया था। मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। उनमें एक फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद भी शामिल था, जो सितंबर 2019 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।

एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपी कमरूज जमान ने सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी और विभिन्न हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की साजिश की तैयारियों को अंजाम दिया था। वह सारी बातें जानते हुए हिजबुल मुजाहिदीन की आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल था।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कमरूज जमान को आरोपी ओसामा बिन जावेद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाया गया था। इन दोनों को दो सक्रिय आतंकवादियों द्वारा भर्ती किया गया था, जिनकी पहचान आतंकी संगठन के जिला कमांडर मोहम्मद अमीन और उप जिला कमांडर रियाज अहमद उर्फ हजारी के रूप में हुई है। दोनों जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के निवासी थे।

एनआईए ने बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन के दोनों आतंकवादियों ने किश्तवाड़ के जंगलों में कमरूज जमान और ओसामा बिन जावेद को शारीरिक और हथियार संचालन का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद कमरूज जमान को उत्तर प्रदेश, असम और देश के अन्य हिस्सों में बेस और ठिकाने बनाने तथा आतंकवादी गतिविधियों के लिए टारगेट की पहचान करने का निर्देश दिया गया था। निर्देश के अनुसार, कमरूज उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचा था, जहां उसने कुछ लक्ष्यों की रेकी भी की थी।

एनआईए की विशेष अदालत ने मंगलवार को कमरूज को आईपीसी की धारा 120बी के तहत 10 साल की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। यूएपीए की धारा 17 के तहत उसे उम्र कैद और 10 हजार रुपये के जुर्माने और धारा 39 के तहत 10 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

प्रत्येक मामले में जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे अतिरिक्त तीन माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

–आईएएनएस

एकेजे/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने आतंकी साजिश के एक मामले में मंगलवार को हिजबुल मुजाहिदीन के एक प्रमुख आतंकवादी को दो आरोपों में सश्रम कारावास और एक आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई।

उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले करने की आपराधिक साजिश में असम के जिला होजई के कमरूज जमान को एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया।

सितंबर 2018 में एटीएस लखनऊ से मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने फिर से केस दर्ज किया था। मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। उनमें एक फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद भी शामिल था, जो सितंबर 2019 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।

एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपी कमरूज जमान ने सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी और विभिन्न हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की साजिश की तैयारियों को अंजाम दिया था। वह सारी बातें जानते हुए हिजबुल मुजाहिदीन की आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल था।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कमरूज जमान को आरोपी ओसामा बिन जावेद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाया गया था। इन दोनों को दो सक्रिय आतंकवादियों द्वारा भर्ती किया गया था, जिनकी पहचान आतंकी संगठन के जिला कमांडर मोहम्मद अमीन और उप जिला कमांडर रियाज अहमद उर्फ हजारी के रूप में हुई है। दोनों जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के निवासी थे।

एनआईए ने बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन के दोनों आतंकवादियों ने किश्तवाड़ के जंगलों में कमरूज जमान और ओसामा बिन जावेद को शारीरिक और हथियार संचालन का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद कमरूज जमान को उत्तर प्रदेश, असम और देश के अन्य हिस्सों में बेस और ठिकाने बनाने तथा आतंकवादी गतिविधियों के लिए टारगेट की पहचान करने का निर्देश दिया गया था। निर्देश के अनुसार, कमरूज उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचा था, जहां उसने कुछ लक्ष्यों की रेकी भी की थी।

एनआईए की विशेष अदालत ने मंगलवार को कमरूज को आईपीसी की धारा 120बी के तहत 10 साल की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। यूएपीए की धारा 17 के तहत उसे उम्र कैद और 10 हजार रुपये के जुर्माने और धारा 39 के तहत 10 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

प्रत्येक मामले में जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे अतिरिक्त तीन माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

–आईएएनएस

एकेजे/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने आतंकी साजिश के एक मामले में मंगलवार को हिजबुल मुजाहिदीन के एक प्रमुख आतंकवादी को दो आरोपों में सश्रम कारावास और एक आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई।

उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले करने की आपराधिक साजिश में असम के जिला होजई के कमरूज जमान को एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया।

सितंबर 2018 में एटीएस लखनऊ से मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने फिर से केस दर्ज किया था। मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। उनमें एक फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद भी शामिल था, जो सितंबर 2019 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।

एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपी कमरूज जमान ने सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी और विभिन्न हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की साजिश की तैयारियों को अंजाम दिया था। वह सारी बातें जानते हुए हिजबुल मुजाहिदीन की आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल था।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कमरूज जमान को आरोपी ओसामा बिन जावेद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाया गया था। इन दोनों को दो सक्रिय आतंकवादियों द्वारा भर्ती किया गया था, जिनकी पहचान आतंकी संगठन के जिला कमांडर मोहम्मद अमीन और उप जिला कमांडर रियाज अहमद उर्फ हजारी के रूप में हुई है। दोनों जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के निवासी थे।

एनआईए ने बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन के दोनों आतंकवादियों ने किश्तवाड़ के जंगलों में कमरूज जमान और ओसामा बिन जावेद को शारीरिक और हथियार संचालन का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद कमरूज जमान को उत्तर प्रदेश, असम और देश के अन्य हिस्सों में बेस और ठिकाने बनाने तथा आतंकवादी गतिविधियों के लिए टारगेट की पहचान करने का निर्देश दिया गया था। निर्देश के अनुसार, कमरूज उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचा था, जहां उसने कुछ लक्ष्यों की रेकी भी की थी।

एनआईए की विशेष अदालत ने मंगलवार को कमरूज को आईपीसी की धारा 120बी के तहत 10 साल की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। यूएपीए की धारा 17 के तहत उसे उम्र कैद और 10 हजार रुपये के जुर्माने और धारा 39 के तहत 10 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

प्रत्येक मामले में जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे अतिरिक्त तीन माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

–आईएएनएस

एकेजे/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने आतंकी साजिश के एक मामले में मंगलवार को हिजबुल मुजाहिदीन के एक प्रमुख आतंकवादी को दो आरोपों में सश्रम कारावास और एक आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई।

उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले करने की आपराधिक साजिश में असम के जिला होजई के कमरूज जमान को एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया।

सितंबर 2018 में एटीएस लखनऊ से मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने फिर से केस दर्ज किया था। मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। उनमें एक फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद भी शामिल था, जो सितंबर 2019 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।

एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपी कमरूज जमान ने सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी और विभिन्न हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की साजिश की तैयारियों को अंजाम दिया था। वह सारी बातें जानते हुए हिजबुल मुजाहिदीन की आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल था।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कमरूज जमान को आरोपी ओसामा बिन जावेद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाया गया था। इन दोनों को दो सक्रिय आतंकवादियों द्वारा भर्ती किया गया था, जिनकी पहचान आतंकी संगठन के जिला कमांडर मोहम्मद अमीन और उप जिला कमांडर रियाज अहमद उर्फ हजारी के रूप में हुई है। दोनों जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के निवासी थे।

एनआईए ने बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन के दोनों आतंकवादियों ने किश्तवाड़ के जंगलों में कमरूज जमान और ओसामा बिन जावेद को शारीरिक और हथियार संचालन का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद कमरूज जमान को उत्तर प्रदेश, असम और देश के अन्य हिस्सों में बेस और ठिकाने बनाने तथा आतंकवादी गतिविधियों के लिए टारगेट की पहचान करने का निर्देश दिया गया था। निर्देश के अनुसार, कमरूज उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचा था, जहां उसने कुछ लक्ष्यों की रेकी भी की थी।

एनआईए की विशेष अदालत ने मंगलवार को कमरूज को आईपीसी की धारा 120बी के तहत 10 साल की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। यूएपीए की धारा 17 के तहत उसे उम्र कैद और 10 हजार रुपये के जुर्माने और धारा 39 के तहत 10 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

प्रत्येक मामले में जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे अतिरिक्त तीन माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

–आईएएनएस

एकेजे/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने आतंकी साजिश के एक मामले में मंगलवार को हिजबुल मुजाहिदीन के एक प्रमुख आतंकवादी को दो आरोपों में सश्रम कारावास और एक आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई।

उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले करने की आपराधिक साजिश में असम के जिला होजई के कमरूज जमान को एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया।

सितंबर 2018 में एटीएस लखनऊ से मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने फिर से केस दर्ज किया था। मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। उनमें एक फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद भी शामिल था, जो सितंबर 2019 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।

एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपी कमरूज जमान ने सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी और विभिन्न हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की साजिश की तैयारियों को अंजाम दिया था। वह सारी बातें जानते हुए हिजबुल मुजाहिदीन की आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल था।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कमरूज जमान को आरोपी ओसामा बिन जावेद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाया गया था। इन दोनों को दो सक्रिय आतंकवादियों द्वारा भर्ती किया गया था, जिनकी पहचान आतंकी संगठन के जिला कमांडर मोहम्मद अमीन और उप जिला कमांडर रियाज अहमद उर्फ हजारी के रूप में हुई है। दोनों जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के निवासी थे।

एनआईए ने बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन के दोनों आतंकवादियों ने किश्तवाड़ के जंगलों में कमरूज जमान और ओसामा बिन जावेद को शारीरिक और हथियार संचालन का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद कमरूज जमान को उत्तर प्रदेश, असम और देश के अन्य हिस्सों में बेस और ठिकाने बनाने तथा आतंकवादी गतिविधियों के लिए टारगेट की पहचान करने का निर्देश दिया गया था। निर्देश के अनुसार, कमरूज उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचा था, जहां उसने कुछ लक्ष्यों की रेकी भी की थी।

एनआईए की विशेष अदालत ने मंगलवार को कमरूज को आईपीसी की धारा 120बी के तहत 10 साल की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। यूएपीए की धारा 17 के तहत उसे उम्र कैद और 10 हजार रुपये के जुर्माने और धारा 39 के तहत 10 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

प्रत्येक मामले में जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे अतिरिक्त तीन माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

–आईएएनएस

एकेजे/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने आतंकी साजिश के एक मामले में मंगलवार को हिजबुल मुजाहिदीन के एक प्रमुख आतंकवादी को दो आरोपों में सश्रम कारावास और एक आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई।

उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले करने की आपराधिक साजिश में असम के जिला होजई के कमरूज जमान को एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया।

सितंबर 2018 में एटीएस लखनऊ से मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने फिर से केस दर्ज किया था। मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। उनमें एक फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद भी शामिल था, जो सितंबर 2019 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।

एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपी कमरूज जमान ने सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी और विभिन्न हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की साजिश की तैयारियों को अंजाम दिया था। वह सारी बातें जानते हुए हिजबुल मुजाहिदीन की आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल था।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कमरूज जमान को आरोपी ओसामा बिन जावेद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाया गया था। इन दोनों को दो सक्रिय आतंकवादियों द्वारा भर्ती किया गया था, जिनकी पहचान आतंकी संगठन के जिला कमांडर मोहम्मद अमीन और उप जिला कमांडर रियाज अहमद उर्फ हजारी के रूप में हुई है। दोनों जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के निवासी थे।

एनआईए ने बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन के दोनों आतंकवादियों ने किश्तवाड़ के जंगलों में कमरूज जमान और ओसामा बिन जावेद को शारीरिक और हथियार संचालन का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद कमरूज जमान को उत्तर प्रदेश, असम और देश के अन्य हिस्सों में बेस और ठिकाने बनाने तथा आतंकवादी गतिविधियों के लिए टारगेट की पहचान करने का निर्देश दिया गया था। निर्देश के अनुसार, कमरूज उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचा था, जहां उसने कुछ लक्ष्यों की रेकी भी की थी।

एनआईए की विशेष अदालत ने मंगलवार को कमरूज को आईपीसी की धारा 120बी के तहत 10 साल की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। यूएपीए की धारा 17 के तहत उसे उम्र कैद और 10 हजार रुपये के जुर्माने और धारा 39 के तहत 10 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

प्रत्येक मामले में जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे अतिरिक्त तीन माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

–आईएएनएस

एकेजे/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने आतंकी साजिश के एक मामले में मंगलवार को हिजबुल मुजाहिदीन के एक प्रमुख आतंकवादी को दो आरोपों में सश्रम कारावास और एक आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई।

उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले करने की आपराधिक साजिश में असम के जिला होजई के कमरूज जमान को एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया।

सितंबर 2018 में एटीएस लखनऊ से मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने फिर से केस दर्ज किया था। मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। उनमें एक फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद भी शामिल था, जो सितंबर 2019 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।

एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपी कमरूज जमान ने सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी और विभिन्न हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की साजिश की तैयारियों को अंजाम दिया था। वह सारी बातें जानते हुए हिजबुल मुजाहिदीन की आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल था।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कमरूज जमान को आरोपी ओसामा बिन जावेद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाया गया था। इन दोनों को दो सक्रिय आतंकवादियों द्वारा भर्ती किया गया था, जिनकी पहचान आतंकी संगठन के जिला कमांडर मोहम्मद अमीन और उप जिला कमांडर रियाज अहमद उर्फ हजारी के रूप में हुई है। दोनों जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के निवासी थे।

एनआईए ने बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन के दोनों आतंकवादियों ने किश्तवाड़ के जंगलों में कमरूज जमान और ओसामा बिन जावेद को शारीरिक और हथियार संचालन का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद कमरूज जमान को उत्तर प्रदेश, असम और देश के अन्य हिस्सों में बेस और ठिकाने बनाने तथा आतंकवादी गतिविधियों के लिए टारगेट की पहचान करने का निर्देश दिया गया था। निर्देश के अनुसार, कमरूज उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचा था, जहां उसने कुछ लक्ष्यों की रेकी भी की थी।

एनआईए की विशेष अदालत ने मंगलवार को कमरूज को आईपीसी की धारा 120बी के तहत 10 साल की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। यूएपीए की धारा 17 के तहत उसे उम्र कैद और 10 हजार रुपये के जुर्माने और धारा 39 के तहत 10 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

प्रत्येक मामले में जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे अतिरिक्त तीन माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

–आईएएनएस

एकेजे/एबीएम

Related Posts

अब रेलकर्मी एवं उनके आश्रित एलटीसी पर वंदे भारत, दूरंतो व तेजस में कर सकेंगे सफर
जबलपुर

अब रेलकर्मी एवं उनके आश्रित एलटीसी पर वंदे भारत, दूरंतो व तेजस में कर सकेंगे सफर

June 3, 2025
राहुल गांधी ने अपनी दादी का अपमान किया
ताज़ा समाचार

राहुल गांधी ने अपनी दादी का अपमान किया

June 3, 2025
कॉलेजों में दो चरणों में प्रवेश
जबलपुर

कॉलेजों में दो चरणों में प्रवेश

June 3, 2025
पिकअप ने दो वाहनों को मारी टक्कर
जबलपुर

पिकअप ने दो वाहनों को मारी टक्कर

June 3, 2025
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्राइवर्स और कोडर्स समेत 8 नौकरियां खत्म
जानकारी

AI: अगले पांच सालों में ड्राइवर्स और कोडर्स समेत 8 नौकरियां हो सकती हैं खत्म

June 3, 2025
खान सर रिसेप्शन तस्वीरें और वीडियो वायरल
ताज़ा समाचार

खान सर के रिसेप्शन की तस्वीरें और वीडियो वायरल, पहली बार सामने आई पत्नी की झलक

June 3, 2025
Next Post

राजौरी गार्डन के रेस्टोरेंट में लगी आग की जांच जारी, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई : सीएम आतिशी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

083370
Total views : 5885649
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In