गुवाहाटी, 9 नवंबर (आईएएनएस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को देशभर में कम से कम 48 लोगों को गिरफ्तार करके रोहिंग्या घुसपैठ के मुद्दे पर कार्रवाई करने के लिए राज्य पुलिस और एनआईए के प्रयासों की सराहना की।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”रोहिंग्याओं की घुसपैठ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और असम को कॉरिडोर गलियारे के रूप में इस्तेमाल करने के इस प्रयास को सफलतापूर्वक विफल कर दिया गया है।
अपने पास मौजूद सभी संसाधनों का उपयोग करते हुए, हम कड़ी निगरानी बनाए रखने और उनके नापाक मंसूबों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों सेनाओं के बीच बेहतरीन तालमेल। वेल डन!”
बुधवार को असम के विशेष डीजीपी हरमीत सिंह ने कहा कि बिचौलियों का एक गिरोह बांग्लादेश से रोहिंग्या लोगों को अवैध रूप से लाने के लिए असम और त्रिपुरा को गलियारे (कॉरिडोर) के रूप में इस्तेमाल कर रहा था और बाद में घुसपैठियों को देश के विभिन्न स्थानों पर भेजा गया था।
उन्होंने कहा, ”फरवरी में असम पुलिस ने करीमगंज जिले में अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले रोहिंग्याओं के एक समूह को गिरफ्तार किया था। उन्हें बांग्लादेश से त्रिपुरा के रास्ते ट्रेन द्वारा देश के अन्य राज्यों में भेजा जा रहा था।”
इन रोहिंग्याओं से पूछताछ के बाद हमें कुछ जानकारी मिली है। उसी के मुताबिक पुलिस का ऑपरेशन तेज हो गया है। कम से कम 450 अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया गया और पीछे भेज दिया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मानव तस्करी से जुड़े बिचौलिये भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ बांग्लादेश में भी फैले हुए हैं। असम पुलिस के विशेष कार्य बल द्वारा गहन अभियान शुरू करने के बाद जुलाई में त्रिपुरा से कम से कम 10 बिचौलियों को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने कहा कि असम के रास्ते देश के विभिन्न हिस्सों में रोहिंग्या घुसपैठ से देश की आंतरिक सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने रोहिंग्या घुसपैठ मामले की एनआईए जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद असम पुलिस ने मामला केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम
गुवाहाटी, 9 नवंबर (आईएएनएस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को देशभर में कम से कम 48 लोगों को गिरफ्तार करके रोहिंग्या घुसपैठ के मुद्दे पर कार्रवाई करने के लिए राज्य पुलिस और एनआईए के प्रयासों की सराहना की।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”रोहिंग्याओं की घुसपैठ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और असम को कॉरिडोर गलियारे के रूप में इस्तेमाल करने के इस प्रयास को सफलतापूर्वक विफल कर दिया गया है।
अपने पास मौजूद सभी संसाधनों का उपयोग करते हुए, हम कड़ी निगरानी बनाए रखने और उनके नापाक मंसूबों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों सेनाओं के बीच बेहतरीन तालमेल। वेल डन!”
बुधवार को असम के विशेष डीजीपी हरमीत सिंह ने कहा कि बिचौलियों का एक गिरोह बांग्लादेश से रोहिंग्या लोगों को अवैध रूप से लाने के लिए असम और त्रिपुरा को गलियारे (कॉरिडोर) के रूप में इस्तेमाल कर रहा था और बाद में घुसपैठियों को देश के विभिन्न स्थानों पर भेजा गया था।
उन्होंने कहा, ”फरवरी में असम पुलिस ने करीमगंज जिले में अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले रोहिंग्याओं के एक समूह को गिरफ्तार किया था। उन्हें बांग्लादेश से त्रिपुरा के रास्ते ट्रेन द्वारा देश के अन्य राज्यों में भेजा जा रहा था।”
इन रोहिंग्याओं से पूछताछ के बाद हमें कुछ जानकारी मिली है। उसी के मुताबिक पुलिस का ऑपरेशन तेज हो गया है। कम से कम 450 अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया गया और पीछे भेज दिया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मानव तस्करी से जुड़े बिचौलिये भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ बांग्लादेश में भी फैले हुए हैं। असम पुलिस के विशेष कार्य बल द्वारा गहन अभियान शुरू करने के बाद जुलाई में त्रिपुरा से कम से कम 10 बिचौलियों को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने कहा कि असम के रास्ते देश के विभिन्न हिस्सों में रोहिंग्या घुसपैठ से देश की आंतरिक सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने रोहिंग्या घुसपैठ मामले की एनआईए जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद असम पुलिस ने मामला केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम