शिमला, 18 जनवरी (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश सरकार की ‘हिमकेयर योजना’ सवालों के घेरे में है। इस योजना के तहत जहां लोगों को 5 लाख लाख रुपये का इलाज मिलना चाहिए, वहां महज 50 हजार रुपये का इंजेक्शन नहीं मिलने से कैंसर से जूझ रहे एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मृतक के परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई है। विपक्ष ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का इस्तीफा मांगा है।
मृतक की बेटी जाह्नवी शर्मा ने एक वीडियो संदेश में बताया कि उसके पिता का इलाज आईजीएमसी (शिमला) में चल रहा था। अस्पताल में कीमोथेरेपी के लिए इंजेक्शन की जरूरत थी। जिसकी कीमत करीब 50 हजार रुपये थी। मृतक की बेटी ने कहा कि उनके पास हिमकेयर कार्ड था। लेकिन, अस्पताल प्रशासन ने कहा कि कार्ड में पैसे नहीं हैं और इसलिए इंजेक्शन नहीं दे सकते हैं। अस्पताल ने कहा कि आप अपने पैसे से इंजेक्शन खरीद लीजिए, लेकिन हमारे पास उतने पैसे नहीं थे। हालांकि, जैसे-तैसे हमने पैसे जुटाने शुरू किए और जब तक पैसे का इंतजाम हुआ, मेरे पापा गुजर गए।
मृतक की बेटी ने कहा कि हिमकेयर योजना के तहत हमें इंजेक्शन नहीं मिल रहा था, तो हमने सीएम हेल्पलाइन नंबर पर भी कॉल किया। लेकिन, हमें वहां से किसी भी तरह से कोई मदद नहीं मिली। परिवार में पिता ही एकमात्र कमाने वाले थे। मां भी बीमार रहती हैं। परिवार में छोटा भाई है। पिता के जाने से हमारी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है। मैंने हिमकेयर कार्ड के लिए पूरा प्रीमियम जमा किया था। लेकिन, इंजेक्शन नहीं मिलने से पिता की मौत हुई। इसके पीछे जो भी लोग हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सभी को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था प्रदान करने के लिए हमारी सरकार ने हिमकेयर योजना शुरू की गई थी। लेकिन, कांग्रेस ने इस योजना को खत्म करने का काम किया। अखबारों से पता चला है कि प्रदेश की एक बेटी ने अपनी समस्या को सामने रखा है। जाह्नवी शर्मा ने बताया कि उसके पिता का इलाज हिमकेयर योजना के तहत हो रहा था। लेकिन, जब एक इंजेक्शन की जरूरत थी, तो अस्पताल द्वारा इंजेक्शन नहीं दिया गया। इसके चलते मरीज की मौत हो गई। विपक्ष ने कहा है कि प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार आई है। यहां स्वास्थ्य व्यवस्था खराब हो गई है। सीएम को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए।
–आईएएनएस
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