शिमला, 11 जुलाई (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। हिमाचल सरकार 700 से अधिक सरकारी स्कूलों को मर्ज करने जा रही है। शिक्षा मंत्री के अनुसार, छात्रों की संख्या के आधार पर प्रदेश में सरकारी पाठशालाओं का विलय करने का निर्णय लिया गया है और इसकी प्रक्रिया प्रदेश में पहले से ही जारी है।
दरअसल, हिमाचल सरकार पहले दो या दो से कम बच्चों वाले विद्यालयों को नजदीकी स्कूल के साथ विलय करने का निर्णय लिया था। इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए अब प्रदेश सरकार ने 700 स्कूलों को चिन्हित किया है, जिनका नजदीकी स्कूल के साथ विलय किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में इस समय करीब 16000 स्कूल चल रहे हैं। इनमें कुछ स्कूल ऐसे हैं, जहां छात्रों की संख्या बेहद कम है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में प्राथमिक से लेकर माध्यमिक पाठशालाओं पर नजर डालें तो लगभग 16,000 स्कूल राज्य में संचालित हैं। प्रदेश के कुछ स्कूलों में छात्रों की संख्या काफी कम है या फिर ना के बराबर है। ऐसे में इन स्कूलों का विलय अब नजदीकी स्कूलों के साथ किया जाएगा।
रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार ने करीब 700 स्कूल चिन्हित किए हैं, जिन्हें एक से दो किलोमीटर के दायरे वाले विद्यालयों के साथ मर्ज कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आए वित्त आयोग ने भी इसको लेकर सुझाव दिया था। साथ ही मामला प्रदेश सरकार के विचाराधीन भी था। इन पाठशालाओं में नियुक्त अध्यापकों और कर्मचारियों को भी दूसरे विद्यालयों में शिफ्ट किया जाएगा, जहां छात्रों की संख्या अधिक होगी।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में 350 स्कूल ऐसे हैं, जहां टीचरों की संख्या अधिक नहीं है। इसके अलावा सिंगल टीचर वाले स्कूलों की संख्या 3100 से अधिक है। इन स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी और खाली पदों को भरा जाएगा।
–आईएएनएस
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