पालमपुर, 5 जुलाई (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश सरकार ने बुधवार को यातायात प्रबंधन के अलावा किसानों, बागवानों को लाभ पहुंचाने के लिए ड्रोन के महत्वपूर्ण उपयोग के लिए 200 करोड़ रुपये के पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
इनमें शासन में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए फिक्की के साथ समझौता भी शामिल था।
इसके अलावा, हिमाचल में निवेश के लिए एबेकोड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और ड्रोनटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और डिजिटल टेक्नोलॉजीज और गवर्नेंस विभाग, चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय (सीएसकेएचपीकेवी) के सहयोग से उड़ान संचालन की देखरेख के लिए मानव रहित यातायात प्रबंधन समाधान के लिए स्काईएयर के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
स्काई एयर, सास आधारित स्वायत्त ड्रोन लॉजिस्टिक्स प्रदाता, राज्य भर में यूटीएम (मानवरहित यातायात प्रबंधन) तैनात करेगा।
भारत में एकमात्र स्वदेशी मानवरहित यातायात प्रबंधन प्रणाली के रूप में, स्काई यूटीएम स्वचालित हवाई क्षेत्र यातायात प्रबंधन, अनुमोदन उत्पन्न करने और मैन्युअल हस्तक्षेप के बिना ड्रोन आंदोलनों का समन्वय प्रदान करता है।
यह अगली पीढ़ी के हवाई यातायात प्रबंधन प्रणालियों की नींव के रूप में कार्य करता है, जो तेजी से बढ़ते ड्रोन उद्योग में सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करता है।
उत्तर भारत के पहले हिमाचल ड्रोन कॉन्क्लेव के समापन समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने ड्रोन तकनीक के संभावित लाभों पर प्रकाश डालते हुए राज्य में आईटी-संचालित शासन को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जो किसानों, बागवानों को लाभ पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा कानून एवं व्यवस्था की निगरानी सहित अन्य क्षेत्र भी शामिल हैं।
सुक्खू ने कहा कि सरकार शासन को बेहतर बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी आधुनिक तकनीक का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल तकनीकी प्रगति को अपना रहा है, जिससे परिवर्तनकारी परिवर्तनों का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
प्रौद्योगिकी अपनाने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सुक्खू ने पालमपुर में सीएसकेएचपीकेवी से अपने परिसर में ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रदर्शित करने के साथ-साथ किसानों को अपनी अर्थव्यवस्था और दक्षता बढ़ाने के लिए तकनीकी प्रगति को अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा।
राज्य में ड्रोन निर्माण के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार निवेशकों को हर संभव सहायता और आवश्यक सुविधाएं देगी और सरकारी क्षेत्र में उपयोग के लिए ड्रोन खरीदेगी।
मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के व्यापक उपयोग पर जोर दिया और लोगों के लिए प्रौद्योगिकी के लाभों को अधिकतम करने के सरकार के प्रयासों की सराहना की।
प्रधान सलाहकार (आईटी और नवाचार) गोकुल बुटेल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण ने हिमाचल प्रदेश में अपनी तरह के पहले ऐसे सम्मेलन के आयोजन को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक निकट भविष्य में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान कर सकती है।
सम्मेलन में 26 निजी कंपनियों और 25 राज्य सरकार के विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
–आईएएनएस
एसजीके