शिमला, 1 मार्च (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, बोर्ड या अन्य निर्दिष्ट परीक्षाओं में कदाचार की रोकथाम अधिनियम, 1984 के तहत लाने का फैसला लिया गया है, ताकि किसी भी प्रकार के कदाचार पर रोक और उम्मीदवारों के चयन में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई बैठक में हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना 2023 शुरू में तीन महीने के लिए शुरू करने का फैसला किया गया। इस योजना का मकसद जीएसटी पुराने कानून के तहत आकलन के लिए लंबित लगभग 50,000 मामलों का निस्तारण करना है। इस योजना से छोटे और सीमांत व्यापारियों एवं अन्य करदाताओं को फायदा मिलेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रीमंडल ने 90,362 मनरेगा श्रमिकों, एकल नारी और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग व्यक्तियों, पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्ज और अनाथालयों में रहने वाले बच्चों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के दायरे में लाने का फैसला लिया है।
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाओं के 9 नियमित पदों को भरने का भी फैसला लिया गया है। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के सभी 11 सिविल एवं सत्र मंडलों के साथ-साथ नालागढ़, सरकाघाट, सुंदरनगर और घुमारवीं उपमंडलों में संवेदनशील गवाह बयान केंद्रों में विभिन्न श्रेणियों के 45 पद सृजित करने को भी मंजूरी दी है।
बैठक में डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में सहायक प्राध्यापक के तीन पद सामान्य चिकित्सा, पैथोलॉजी एवं रेडियोथैरेपी में एक-एक पद भरने का निर्णय लिया गया है।
–आईएएनएस
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