गोसलपुर. रेत माफियाओं द्वारा रेत की खुलेआम चोरी करने का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है. हिरन नदी के घाट समीप व सुविधाजनक होने की वजह से रेत की चोरी में छोटे,बड़े माफिया हाथ साफ करने से नही चूक रहे हैं.माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद हैं कि शाम 7 बजे से नदी में जेसीबी मशीनों व पानी निकालने वाली अन्य मशीनों को नदी में डालकर रातभर चलाकर किनारे पर रेत एकत्रित करते हैं. दिन में यह रेत नदी के गांव के नजदीक इकठ्ठा कर ट्रैक्टर-ट्रॉली और ट्रक में भरकर रात के अंधेरे में निकाल देते हैं. रेत माफियाओं में पुलिस व माइनिंग विभाग का भय नहीं है. ग्रामवासी अवैध उत्खनन को लेकर कई बार पुलिस प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं, मगर रेत माफियाओं पर अब तक लगाम नहीं लगाई जा सकी है.
हिरन नदी के वजूद को समाप्त करने में रेत माफिया कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं,इस धंधे में अंधी कमाई है, रातोरात अमीर बनने के सपने और पैसों की चकाचौंध में रेत माफिया जान लेने पर उतारू हैं. मोटी कमाई के चक्कर में नाममात्र का जुर्माना भरने व जमानत पर रिहा होने के बाद वे फिर इसी में जुट जाते हैं.वर्तमान में हिरन नदी के कूड़ा,घोराकोनी,देवरी कूकरई,खिन्नी,आदि घाटों से रेत आ रही है. दरअसल, प्रशासन की नाकामी की वजह से हिरन नदी पर काफी लंबे समय से अवैध रेत का खनन हो रहा है. रेत माफिया रात के अंधेरे में नदी से अवैध खनन एवं ट्रैक्टरों से परिवहन कर रहे हैं. रेत माफिया नदी में सक्रिय रहते हैं. परिणाम स्वरूप शासन को तो लाखों के राजस्व की चपत लग ही रही है.