रांची, 9 अगस्त (आईएएनएस)। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का कानून तत्काल लागू करने की मांग की है।
शुक्रवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि झारखंड सहित चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। महिला आरक्षण का कानून लागू हो जाए तो इन राज्यों की विधानसभाओं में न सिर्फ महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा, बल्कि महिला अधिकारों की आवाज बुलंद होगी। इस मांग को लेकर भारतीय महिला कांग्रेस ने 29 जुलाई से ‘भारत न्याय आंदोलन’ शुरू किया है।
अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
–आईएएनएस
एसएनसी/एबीएम
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रांची, 9 अगस्त (आईएएनएस)। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का कानून तत्काल लागू करने की मांग की है।
शुक्रवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि झारखंड सहित चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। महिला आरक्षण का कानून लागू हो जाए तो इन राज्यों की विधानसभाओं में न सिर्फ महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा, बल्कि महिला अधिकारों की आवाज बुलंद होगी। इस मांग को लेकर भारतीय महिला कांग्रेस ने 29 जुलाई से ‘भारत न्याय आंदोलन’ शुरू किया है।
अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
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रांची, 9 अगस्त (आईएएनएस)। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का कानून तत्काल लागू करने की मांग की है।
शुक्रवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि झारखंड सहित चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। महिला आरक्षण का कानून लागू हो जाए तो इन राज्यों की विधानसभाओं में न सिर्फ महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा, बल्कि महिला अधिकारों की आवाज बुलंद होगी। इस मांग को लेकर भारतीय महिला कांग्रेस ने 29 जुलाई से ‘भारत न्याय आंदोलन’ शुरू किया है।
अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
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अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
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अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
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अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
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अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
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अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
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अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
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शुक्रवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि झारखंड सहित चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। महिला आरक्षण का कानून लागू हो जाए तो इन राज्यों की विधानसभाओं में न सिर्फ महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा, बल्कि महिला अधिकारों की आवाज बुलंद होगी। इस मांग को लेकर भारतीय महिला कांग्रेस ने 29 जुलाई से ‘भारत न्याय आंदोलन’ शुरू किया है।
अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
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उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
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अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
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अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
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अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
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अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
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रांची, 9 अगस्त (आईएएनएस)। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का कानून तत्काल लागू करने की मांग की है।
शुक्रवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि झारखंड सहित चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। महिला आरक्षण का कानून लागू हो जाए तो इन राज्यों की विधानसभाओं में न सिर्फ महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा, बल्कि महिला अधिकारों की आवाज बुलंद होगी। इस मांग को लेकर भारतीय महिला कांग्रेस ने 29 जुलाई से ‘भारत न्याय आंदोलन’ शुरू किया है।
अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
–आईएएनएस
एसएनसी/एबीएम
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रांची, 9 अगस्त (आईएएनएस)। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का कानून तत्काल लागू करने की मांग की है।
शुक्रवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि झारखंड सहित चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। महिला आरक्षण का कानून लागू हो जाए तो इन राज्यों की विधानसभाओं में न सिर्फ महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा, बल्कि महिला अधिकारों की आवाज बुलंद होगी। इस मांग को लेकर भारतीय महिला कांग्रेस ने 29 जुलाई से ‘भारत न्याय आंदोलन’ शुरू किया है।
अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
–आईएएनएस
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रांची, 9 अगस्त (आईएएनएस)। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का कानून तत्काल लागू करने की मांग की है।
शुक्रवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि झारखंड सहित चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। महिला आरक्षण का कानून लागू हो जाए तो इन राज्यों की विधानसभाओं में न सिर्फ महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा, बल्कि महिला अधिकारों की आवाज बुलंद होगी। इस मांग को लेकर भारतीय महिला कांग्रेस ने 29 जुलाई से ‘भारत न्याय आंदोलन’ शुरू किया है।
अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
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रांची, 9 अगस्त (आईएएनएस)। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का कानून तत्काल लागू करने की मांग की है।
शुक्रवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि झारखंड सहित चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। महिला आरक्षण का कानून लागू हो जाए तो इन राज्यों की विधानसभाओं में न सिर्फ महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा, बल्कि महिला अधिकारों की आवाज बुलंद होगी। इस मांग को लेकर भारतीय महिला कांग्रेस ने 29 जुलाई से ‘भारत न्याय आंदोलन’ शुरू किया है।
अलका लांबा ने कहा कि केवल विधानसभा और संसद नहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत हमारी अहम मांग है। झारखंड में महिला आयोग में चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि महिलाओं से जुड़े मामलों को देखने वाली यह अहम संवैधानिक संस्था है।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी। महिलाओं के खिलाफ देशभर में अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन राज्यों की भी बात कर रही हूं, जहां कांग्रेस और हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। हमारी मांग है कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अपराध पर रोक के लिए सरकारें प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि महंगाई से त्रस्त आम गृहणियों को राहत देने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आर्थिक मदद की पहल करनी चाहिए। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपए की मदद की योजना शुरू की है, लेकिन यह राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें सालाना कम से कम एक लाख रुपए की मदद मिले।
अलका लांबा ने कहा कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला कांग्रेस रणनीति बना रही है। शनिवार को झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यसमिति की पूरे दिन चलने वाली बैठक में इस पर चर्चा होगी।