रांची, 27 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से आयोजित सीजीएल परीक्षा में कथित धांधली को लेकर सियासत तेज हो गई है। इसी को लेकर झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने हेमंत सोरेन सरकार पर जुबानी हमला बोला है।
अमर बाउरी ने कहा कि इस सरकार के कारण देश की संप्रभुता खतरे में पड़ गई। प्रदेश के युवाओं के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट ने भी इस सरकार को फ्रॉड कहा है। भाजपा ने हमेशा कहा है कि यह सरकार झूठ बोलकर सत्ता में आई है। सरकार ने नौकरी बेचने का काम किया है। सीजीएल परीक्षा में हुई गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाने वाले को स्थानीय प्रशासन के माध्यम से डराने-धमकाने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने परीक्षा के नाम पर पूरे प्रदेश का इंटरनेट बंद कर दिया, और दावा किया कि असम की तर्ज पर यह कदम उठाया गया है। जबकि असम सरकार ने परीक्षा से काफी पहले सूचना देकर इंटरनेट बंद किया था। इस सरकार ने रात दो बजे से इंटरनेट बंद किया ताकि इनके लोग रात में ही प्रश्न पत्र बांटने का काम कर सकें। 22 से 28 सितंबर के बीच सरकार की हालत खराब हो गई है। 2019, 2022, और 2024 की परीक्षा के कई प्रश्नों को दोहराया गया है।
बाउरी ने कहा कि झारखंड की बदनामी आज पूरे देश में हो रही है। लोग झारखंड की काबिलियत पर प्रश्न उठा रहे हैं। जबकि, असलियत यह है कि समस्या इस सरकार में है। उन्होंने कहा कि परीक्षा से पहले ही छात्रों को उत्तर प्राप्त हो गए थे। छात्रों पर सरकार का दबाव है, जिसके कारण वह डरे हुए हैं। भाजपा ने इस गड़बड़ी को प्रमुखता से उठाया है। छात्रों ने जेएसएससी के समक्ष पुख्ता सबूत पेश किए हैं।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सच के साथ खड़े होने वाले छात्रों को धमकी दी जा रही है। अगर किसी भी छात्र के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। उन्होंने सवाल करते हुए आगे कहा कि क्या सोरेन सरकार एक भी नौकरी बिना किसी गड़बड़ी के दे सकती है?
–आईएएनएस
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