नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। दक्षिण अफ्रीका के हैंसी क्रोन्ये एक झटके में महान कप्तान से क्रिकेट के सबसे बड़े खलनायक बन गए। मैच फिक्सिंग में उनकी संलिप्तता को लेकर दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने 11 अक्टूबर 2000 को उन पर खेल से जुड़ी सभी गतिविधियों पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था।
वर्ष 2000 क्रिकेट इतिहास का सबसे काला वर्ष बन गया था क्योंकि इसी साल मैच फिक्सिंग के प्रेत ने क्रिकेट को अपनी काली छाया से ढंक लिया था।
वर्ष 1991 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोबारा दक्षिण अफ्रीका की वापसी हुई तो क्रोन्ये एक युवा खिलाड़ी के तौर पर भारत का दौरा करने वाली टीम का हिस्सा थे। 21 साल की उम्र में अपने देश की कप्तानी करने वाले क्रोन्ये को ठीक तीन साल बाद टीम की कप्तानी की ज़िम्मेदारी भी मिल गयी। ग्रीम स्मिथ से पहले क्रोन्ये अफ्रीकी क्रिकेट इतिहास के सबसे कामयाब कप्तान थे।
अपनी पहली भारत यात्रा के करीब एक दशक बाद इसी मुल्क में क्रोन्ये जब टेस्ट कप्तान के तौर पर लौटे तो उन्होंने 2-0 से सीरीज़ जीतकर 1987 से चले आ रहे अभेद्य किले (भारत 1987 में पाकिस्तान से टेस्ट सीरीज़ हारने के बाद अपनी ज़मीं पर किसी और से हारा नहीं था) के रिकॉर्ड को भी धवस्त कर दिया।
ये वो कमाल था जो मार्क टेलर और स्टीव वॉ जैसे दिग्गज कप्तानों के साथ उस समय की महापराक्रमी टीमें भी नहीं कर पाई थीं।
लेकिन, क्रोन्ये की ये असाधारण उपलब्धि भी उनके जीवन की तरह बस क्षणिक ही रही जिसका जश्न वो ठीक से मना भी नहीं पाए।
जल्द ही उस सीरीज़ के ख़त्म होने के बाद ये बात सामने आई कि क्रोन्ये मैच-फिक्सिंग में शामिल थे। दिल्ली पुलिस की टेप रिकॉर्डिंग और उसके बाद के जो सनसनीखेज़ जानकारियां सामने आईं, उससे क्रिकेट को जैसी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, उसकी किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की थी।
इस मामले में परत दर परत राज खुलते रहे और दुनिया का क्रिकेट से भरोसा उठने लगा।
हैंसी क्रोन्ये ने आईसीसी की किंग कमीशन के सामने ये कबूल किया था, “भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट में भारत की जीत सुनिश्चित करने के लिए अंतिम दिन अगर उनकी टीम विकेट गंवाती है तो उन्हें 30 हजार डॉलर मिलेंगे।” इस मैच फिक्सिंग में दक्षिण अफ्रीका के कई खिलाड़ी लपेटे में आए। हर्शल गिब्स, निकी बोए समेत कई खिलाड़ियों के नाम उजागर हुए, लेकिन आजीवन प्रतिबंध सिर्फ क्रोन्ये पर ही लगा।
कप्तान के तौर पर क्रोन्ये काफी सफल रहे। क्रोन्ये ने दक्षिण अफ्रीका के लिए कुल 68 टेस्ट मैच खेले। इनमें 53 में बतौर कप्तान मैदान में उतरे। उनके कप्तान रहते टीम ने 27 टेस्ट मैच जीते, जबकि 11 में दक्षिण अफ्रीका को शिकस्त मिली। क्रोन्ये ने 138 वनडे मुकाबलों में दक्षिण अफ्रीका की कप्तानी की और 98 वनडे में टीम को जीत दिलाई।
दो साल बाद ही क्रोन्ये की विमान हादसे में मौत हो गई। दक्षिण अफ्रीका के लिए 1 जून 2002 को एक बेहद दुख खबर आई थी। इसी दिन दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोन्ये की रहस्यमय तरीके से एक प्लेन क्रैश में मौत हो गई थी। उनकी मौत कैसे हुई, यह गुत्थी कभी नहीं सुलझी।
–आईएएनएस
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