हैदराबाद, 8 सितंबर (आईएएनएस)। हैदराबाद में चार दिन पहले आत्मदाह का प्रयास करने वाले एक होम गार्ड ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। वह समय पर वेतन न मिलने और वरिष्ठों के उत्पीड़न से परेशान था।
गोशामहल पुलिस स्टेडियम के पास कमांडेंट होम गार्ड के कार्यालय में मंगलवार को एम. रविंदर (36) ने पेट्रोल छिड़ककर खुद को आग लगा ली थी।
वह मंगलवार को गोशामहल पुलिस स्टेडियम के पास कमांडेंट होम गार्ड के कार्यालय गए और वेतन भुगतान के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की। संबंधित अधिकारियों से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर नाराज होकर उन्होंने अचानक अपने शरीर पर पेट्रोल छिड़क लिया और खुद को आग लगा ली। आसपास मौजूद लोगों ने आग बुझाई।
60 प्रतिशत तक जल चुके रविंदर को उस्मानिया जनरल अस्पताल ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें डीआरडीओ अपोलो अस्पताल में शिफ्ट किया गया। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था लेकिन डॉक्टरों की उन्हें बचाने की कोशिशें नाकाम साबित हुईं और आज सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली।
शव को पोस्टमार्टम के लिए उस्मानिया अस्पताल ले जाया गया।
होम गार्ड ने वरिष्ठों द्वारा उत्पीड़न की भी शिकायत की थी। उनके परिवार ने सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जो कथित तौर पर उन्हें परेशान कर रहे थे। उनकी पत्नी संध्या ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने रविंदर का फोन अनलॉक कर उनका डेटा डिलीट कर दिया।
संध्या ने कहा कि उनके पति ने 17 साल तक ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन किया लेकिन उनके वरिष्ठों ने उन्हें अपना जीवन समाप्त करने के लिए मजबूर कर दिया।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री और राज्य भाजपा अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी ने गुरुवार को डीआरडीओ अपोलो अस्पताल का दौरा किया और रविंदर के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने आरोप लगाया कि बीआरएस सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। उन्होंने होम गार्ड के आत्मदाह की जांच की मांग की।
किशन रेड्डी ने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने होम गार्डों की कार्य स्थितियों में सुधार करने और होम गार्डों के साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान व्यवहार करने का वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं किया गया।
–आईएएनएस
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