नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। हैदराबाद की एक विशेष सीबीआई अदालत ने कंपनी मामलों के विभाग (डीओसीए), हैदराबाद के तत्कालीन आधिकारिक परिसमापक एम. सुब्बारायुलु को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने सुब्बारायुलु को जेल की सजा सुनाते हुए उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
सीबीआई ने 6 मई, 2008 को सुब्बारायुलु और अन्य के खिलाफ इस आरोप पर तत्काल मामला दर्ज किया कि आरोपियों ने उन बोलीदाताओं के प्रति अनुचित पक्षपात किया था, जिन्होंने एक निजी कंपनी की संपत्ति खरीदी थी, जो परिसमापन में चली गई थी और उच्च न्यायालय के आवश्यक आदेशों के बिना विलंबित भुगतान भी स्वीकार कर लिया था।
आगे यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने उच्च न्यायालय की जानकारी के बिना निजी कंपनी की संपत्तियों के निपटान और उच्च न्यायालय के आदेशों के बिना उक्त फर्म के संबंध में नीलामी में बेची गई संपत्तियों के बोलीदाताओं द्वारा भुगतान के लिए समय बढ़ाने सहित गंभीर अनियमितताएं कीं।
जांच के बाद सीबीआई ने 20 नवंबर 2009 को आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।
कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया।
–आईएएनएस
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