बीजिंग, 11 नवंबर (आईएएनएस)। चीन सरकार ने 10 नवंबर को ह्वांगयेन द्वीप की प्रादेशिक बेसलाइन सार्वजनिक की। चीनी विदेश मंत्रालय ने इस बारे में संवाददताओं के सवालों का जवाब दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ह्वांगयेन द्वीप हमेशा चीन का हिस्सा रहा है। चीन सरकार ने संयुक्त समुद्र कानून आदि अंतरराष्ट्रीय कानूनों और चीन के प्रादेशिक समुद्र व आसपास क्षेत्र कानून के अनुसार ह्वांगयेन द्वीप की प्रादेशिक बेसलाइन निर्धारित और सार्वजनिक की।
प्रवक्ता ने कहा कि फिलीपींस द्वारा तथाकथित समुद्री क्षेत्र कानून जारी करने का उद्देश्य अपने देश में कानून बनाने के तरीके से दक्षिण चीन सागर संबंधी पंचाट-प्रस्ताव के मामले पर अवैध फैसले को मजबूत करना है। यह चीन की संप्रभुता और समुद्री अधिकारों और हितों का गंभीर उल्लंघन है। चीन इसका कड़ा विरोध करता है और देश की संप्रभुता और समुद्री अधिकारों व हितों की रक्षा करने के लिये कानून के अनुसार सभी जरूरी कदम उठाएगा।
उधर, चीनी समुद्र तट गार्ड ने 10 नवंबर को इस बारे में वक्तव्य जारी किया। वक्तव्य के अनुसार ह्वांगयेन द्वीप हमेशा चीन का अभिन्न हिस्सा रहा है। लंबे समय से चीन निरंतर, शांतिपूर्ण और कारगर से ह्वांगयेन द्वीप पर संप्रभुता और प्रशासनिक अधिकार का इस्तेमाल करता है। पिछले कुछ समय से फिलीपींस ने बार-बार ह्वांगयेन द्वीप के आसपास समुद्र और आकाश में उत्तेजक कार्रवाइयां करने के लिए सैन्य जहाजों और कार्य जहाजों को भेजा। यह चीन की संप्रभुता और समुद्री अधिकारों और हितों का गंभीर अतिक्रमण है। फिलीपींस ने ह्वांगयेन द्वीप के लगून में घुसने के लिये मछुआ नावों को उकसाया। बताया जाता है कि फिलीपींस के कुछ मछुआ नावों पर जहरीली मछली और लुप्तप्राय जलजंतु पकड़ने आदि अवैध कार्रवाई करने का आरोप है। इससे समुद्र क्षेत्र के कमजोर पारिस्थितिकी व्यवस्था को नुकसान पहुंचा।
चीनी समुद्र तट गार्ड चीनी और अंतरराष्ट्रीय कानूनों और नियमों के अनुसार चीन के ह्वांगयेन द्वीप और संबंधित समुद्र क्षेत्रों में गश्त लगाएगा और न्यायिक कार्यवाही करेगा।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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