लखनऊ, 16 जनवरी (आईएएनएस)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हेरिटेज हैंडवीविंग रिवाइवल चैरिटेबल ट्रस्ट के एक अभिनव प्रयास के तहत देश के 12 लाख हस्तशिल्पियों द्वारा श्रीरामलला के लिए तैयार विशिष्ट वस्त्र को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा। इस मौके पर ट्रस्ट के वरिष्ठ संरक्षक सुरेश जोशी भैया भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री आवास पर हुए कार्यक्रम में योगी ने कहा कि भारत में राम के बगैर कोई काम नहीं होता। जन्म हो तो अखंड रामायण का पाठ होता है, कोई अन्य मांगलिक कार्यक्रम हो तो रामनाम संकीर्तन। सोते, जागते, भोजन करते, हर्ष में, शोक में, यहां तक कि जीवन की अंतिम यात्रा में राम नाम का उच्चारण होता है।
22 जनवरी को श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में रामलला के नव विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राम तो परमपिता परमेश्वर हैं, कण-कण में व्याप्त हैं, लेकिन, अयोध्या जी में नव्य मंदिर में राम के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा लोकआस्था और जनविश्वास की पुनर्प्रतिष्ठा है। 500 वर्षों तक श्रीरामजन्मभूमि का मुद्दा कभी दबा नहीं। कभी पूज्य संतों ने तो कभी राजे-रजवाड़ों ने तो कभी धर्मयोद्धाओं ने, अलग-अलग कालखंड में लोगों ने इस विषय को जीवित रखा। संघर्ष जारी रखा। बिना रुके, बिना थके, बिना डिगे, बिना झुके, मिशन बनाकर लड़ते रहे। ऐसा उदाहरण किसी अन्य प्रकरण के लिए अन्यत्र कहीं नहीं देखने को मिलता।
योगी ने कहा कि जिस किसी ने भी राम का नाम लिया वह तर गया। दैवीय योनि में जन्म लिया हो, सामान्य मानव के रूप में जन्म पाया हो या फिर अधम योनि में। जिसने राम को भजा, वह हनुमान की तरह तर गया और जो भागा वह मारीच की तरह पशुवत मारा गया। प्रभु राम, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष यानी चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति के माध्यम हैं। राम जैसा कोई नाम नहीं। यह अकेला ऐसा नाम है जो आजीविका का साधन भी है। ऐसे युवा, जो पूरे दिन मोबाइल में आंख गड़ाए बैठे रहते हैं, लेकिन रामकथा में 3-4 घंटे बैठे भी उन्हें देखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामलीला जिसे सरकार से कोई सहयोग नहीं मिलता, सब गांव/नगर के लोग ही मिलकर आयोजित करते हैं। सबको पता है कि कब कौन सा प्रसंग होगा, लेकिन, फिर भी हर साल, हर रामलीला में, हर प्रसंग में लोगों का उत्साह कम नहीं होता।
हेरिटेज हैंडवीविंग रिवाइवल चैरिटेबल ट्रस्ट के रामलला के लिए 12 लाख हस्तशिल्पियों द्वारा वस्त्र तैयार करने के प्रयास की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वस्त्र में रामभक्ति का ताना है और हस्तशिप का बाना है। मुख्यमंत्री ने वस्त्र को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी को सौंपा।
— आईएएनएस
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