नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। ग्लोबल साउथ के 14 देश दिल्ली में आयोजित दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। विभिन्न देशों के शिक्षा मंत्रियों ने इस दौरान ‘मेकिंग ह्यूमन रिसोर्सेस फ्यूचर रेडी’ विषय पर विचार-विमर्श किया।
ग्लोबल साउथ के 14 देशों – बोत्सवाना, ब्रुनेई दारुसस्लाम, जॉर्जिया, ट्यूनीशिया, ईरान, लाओ पीडीआर, मलावी, म्यांमार, पलाऊ गणराज्य, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ साओ टोमे और प्रिंसिपे, अल्बानिया, मलेशिया, जिम्बाब्वे, कैमरून – के मंत्रियों व गणमान्य व्यक्तियों ने सत्र में वर्चुअली भाग लिया और अपनी जानकारी साझा की।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शिक्षा मंत्रियों के ‘टूगैदर फॉर एवरीवन्स ग्रोथ, विद एवरीवन्स ट्रस्ट’ विषय के अंतर्गत चल रहे शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। धर्मेन्द्र प्रधान ने एक लचीला, न्यायसंगत, समावेशी और टिकाऊ शिक्षा और कौशल इकोसिस्टम विकसित करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया।
प्रधान ने भाग लेने वाले मंत्रियों को बताया कि कैसे भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 भारत के अध्ययन और कौशल परिदृश्य में समग्र परिवर्तन ला रही है। भाग लेने वाले देशों के शिक्षा मंत्री, उद्योग की मांगों के अनुरूप भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने के लिए कौशल, नया कौशल सीखने की प्रकिया और कौशल बढ़ाने की प्रक्रिया के अवसर प्रदान करने की आवश्यकता पर सहमत हुए।
शिक्षा मंत्रियों ने तकनीकी बुनियादी ढांचे की बाधाओं को दूर करके सभी शिक्षार्थियों के लिए डिजिटल विभाजन को दूर करने और किफायती और आसानी से सुलभ स्थानीय भाषाओं सहित प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम और शिक्षण संसाधनों को विकसित करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने की साझा प्रतिबद्धता दोहराई।
इस दौरान प्रधान ने विश्वास व्यक्त किया कि सामूहिक प्रयासों से दक्षिण-दक्षिण सहयोग और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक कल्याण, समान विश्व व्यवस्था और उज्जवल वैश्विक भविष्य के लिए ‘टूगैदर फॉर एवरीवन्स ग्रोथ, विद एवरीवन्स ट्रस्ट’ के लिए काम करेगा।
दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न जी20 बैठकों के परिणामों को साझा करने, पिछले शिखर सम्मेलन से उत्पन्न गति को बनाए रखने और समावेशी और न्यायसंगत अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए साझा आकांक्षाओं को प्राप्त करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करना है।
विचार-विमर्श डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और जीवन, तकनीकी और व्यावसायिक कौशल विकसित करने में सहयोग को मजबूत करने पर भी ध्यान केन्द्रित करेगा। शिखर सम्मेलन के नतीजों की 22 नवम्बर 2023 को भारत द्वारा आयोजित आगामी जी20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन के विचार-विमर्श में जानकारी मिलने की उम्मीद है।
–आईएएनएस
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