मीरा भायंदर. मुंबई से सटे मीरा भायंदर में मानव तस्करी रोकथाम विभाग ने एक 14 साल की लड़की का रेस्क्यू किया है। नाबालिग लड़की मूल रूप से बांग्लादेश की रहने वाली है। तीन महीने पहले घर से भागी इस नाबालिग का कथित तौर पर 3 महीने में कई लोगों ने बलात्कार किया। पुलिस इस मामले में अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
महाराष्ट्र के मानव तस्करी रोकथाम विभाग ने एक एनजीओ की मदद से लड़की को रेस्क्यू किया था। पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि परीक्षा में फेल होने पर वह बांग्लादेश में अपने घर से भागी थी। उसने इस डर से घर छोड़ा था कि उसके माता-पिता उसकी पिटाई करेंगे, मारेंगे, या उसे बहुत डांट पड़ेगी।
पीड़िता ने बयान में कहा कि एक परिचित महिला उसे कोलकाता लाई, जहां फर्जी दस्तावेज बनाए गए। फिर उसे गुजरात के नडियाद भेजा गया, जहां एक बुजुर्ग व्यक्ति ने उसके साथ बलात्कार किया। बाद में कुछ अश्लील तस्वीरों से ब्लैकमेल करके उसे वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया। तीन महीने में गुजरात और महाराष्ट्र के कई शहरों में उसे बेचा और खरीदा गया था।
इस अवधि में लड़की के साथ कथित तौर पर करीब 200 लोगों ने बलात्कार किया। जब लड़की मीरा भायंदर में वसई विरार इलाके के नायगांव में लाई गई थी, उसी समय पुलिस और एक एनजीओ को इसकी भनक लगी थी। पुलिस ने पूरी प्लानिंग के साथ कार्रवाई करते हुए उसका रेस्क्यू किया।
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सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) मदन बल्लाल ने बताया कि शुरुआत में मानव तस्करी के आरोप में तीन एजेंट गिरफ्तार किए गए थे। इस केस में जांच तेज की गई और 9 अन्य एजेंट पकड़े गए। कुल 12 एजेंट पकड़े गए हैं, जो बांग्लादेश के रहने वाले हैं। आरोपियों में कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। चार और आरोपियों के नाम आए हैं, जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि पीड़िता को जबरन वेश्यावृत्ति में धकेला गया था। नाबालिग के साथ मारपीट हुई। उसे बहुत टॉर्चर किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस टीम लगातार कार्रवाई कर रही है।