नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने अप्राकृतिक परिस्थितियों में महिला की मौत के 15 साल से चल रहे मामले में चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2007 को अप्राकृतिक परिस्थितियों में मृत एक महिला से जुड़े मामले में पति सहित चार आरोपियों को दहेज के लिए उसकी हत्या करने और उसके साथ क्रूरता करने का दोषी ठहराया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम मनन ने कहा कि मृतक महिला के पति, सास, ससुर और देवर को भारतीय दंड संहिता की धाराओं- 498ए (पति या पति के रिश्तेदार द्वारा महिला के साथ क्रूरता करना), 304बी (दहेज मृत्यु) और 34 (समान आशय) के तहत दोषी ठहराया जाता है। अदालत ने मामले को 30 जनवरी को सजा पर बहस के लिए सूचीबद्ध किया। हालांकि, अदालत ने आरोपी को हत्या और सबूत मिटाने के आरोप से बरी कर दिया है।
अदालत ने कहा कि भले ही जांच अधिकारी (आईओ) ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद हत्या का आरोप जोड़ा, उन्होंने हत्या की कड़ी की कोई जांच नहीं की। कोर्ट ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार कहा कि महिला की मौत दम घुटने से हुई थी, लेकिन जांच अधिकारी ने यह पता लगाने के लिए कोई जांच नहीं की कि दम कैसे घुटा।
कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष की तरफ से महिला की हत्या करने के पीछे के तरीके और व्यक्तियों को साबित करने के लिए अपने प्रारंभिक दायित्व को सिद्ध नहीं कर पाया है। हालांकि, मृतका का उत्पीड़न उसकी मृत्यु तक जारी रहा, इसको साबित करने के लिए सबूत हैं। कोर्ट ने पीड़िता की मौत से एक दिन पहले दहेज की मांग की एक विशिष्ट घटना का भी जिक्र किया। कोर्ट ने सबूतों के आधार पर माना है कि आरोपियों ने महिला के साथ क्रूरता उसकी मौत तक जारी रखी थी। अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही से उस पत्र की भी पुष्टि हुई है।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम