वाराणसी, 8 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 17 करोड़ रुपए की लागत से इको फ्रेंडली भव्य घाट बन रहा है। गंगातट पर जैन तीथर्ंकर को समर्पित यह घाट पर्यटन का हब बनेगा। यूपी सरकार अब जैन धर्म के 8वें तीथर्ंकर भगवान चंद्रप्रभुजी के चार कल्याणकों (च्यवन, जन्म, दीक्षा और केवल्यज्ञान) के स्थान को भव्य बनाने में जुटी है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के निर्देश पर अब चंद्रप्रभु जी की जन्मस्थली चंद्रावती गांव में पक्के गंगा घाट का निर्माण कराया जाएगा।
इसकी लागत 17 करोड़ रुपए से अधिक है। वाराणसी मुख्यालय से करीब 23 किलोमीटर दूर गाजीपुर रोड पर चंद्रावती गांव में जैन धर्म के आठवें तीथर्ंकर भगवान चंद्रप्रभुजी की जन्मस्थली गंगा किनारे है। यहां भगवान चंद्रप्रभुजी का श्वेताम्बर व दिगम्बर जैन मंदिर है।
पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि जैन धर्म को मानने वाले देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। घाट के पुनरुद्धार व सुविधाओं के बढ़ जाने से आने वाले समय में ये स्थान तीर्थाटन का बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। आने वाले समय में इस घाट को पानी के रास्ते भी जोड़ने की योजना है जिससे बोट या क्रूज से पर्यटक यहां पहुंच सकें। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में पर्यटन के नए केंद्र के रूप में ये जगह विकसित होगी जिसका लाभ पर्यटन उद्योग को भी मिलेगा।
यूपी प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी ने बताया कि भगवान चंद्रप्रभुजी की जन्मस्थली के पास लगभग 200 मीटर लम्बा पक्के घाट का निर्माण हो रहा है, तीर्थयात्रियों की सुविधा और घाट देखने में सुन्दर लगे, इसलिए तीन प्लेटफार्म बनाया जा रहा है। घाट से नीचे उतरने के लिए सीढ़ियां होंगी।
इसके अलावा पूरे घाट का हेरिटेज लुक होगा। साथ ही गाबियन और रेटेशन वाल से घाट तैयार किया जा रहा है, जिससे ये देखने में पुराने घाटों की तरह होगा और बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा। ये निर्माण पूरी तरह से ईको फ्रेंडली होगा। टॉयलेट ब्लॉक, पोर्टेबल चेंजिंग रूम, साइनेजेस, पाकिर्ंग, हेरिटेज लाइट, बैठने के लिए पत्थर के बने बेंच होंगे और पत्थरों से बनी जालीनुमा खूबसूरत रेलिंग लगाई जाएगी, साथ ही बागवानी भी होगी। पूरे घाट के निर्माण की लागत 17.07 करोड़ है। घाट का निर्माण पूरे होने का वर्ष 2024 है।
–आईएएनएस
विकेटी/एसकेपी