नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के सदस्यों ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत मिलने के खिलाफ विरोध जताते हुए शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी नारे लगाते हुए और हाथों में तख्तियां और पोस्टर लिए हुए थे, जिन पर लिखा था – जिसे होनी थी जेल, उसे क्यों मिली जमानत और टाइटलर को जमानत क्यों दी गई? – अदालत के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए सैकड़ों लोगों ने न्याय की मांग की।
दिल्ली के पुल बंगश इलाके में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी।
जमानत देते समय विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने कुछ शर्तें लगाईं, इनमें अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ना और सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करना शामिल है।
इससे पहले, टाइटलर ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने मामले के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया था।
सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने जमानत पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि गवाहों ने आगे आकर बहुत साहस दिखाया है और उन्हें प्रभावित करने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
–आईएएनएस
सीबीटी
नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के सदस्यों ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत मिलने के खिलाफ विरोध जताते हुए शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी नारे लगाते हुए और हाथों में तख्तियां और पोस्टर लिए हुए थे, जिन पर लिखा था – जिसे होनी थी जेल, उसे क्यों मिली जमानत और टाइटलर को जमानत क्यों दी गई? – अदालत के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए सैकड़ों लोगों ने न्याय की मांग की।
दिल्ली के पुल बंगश इलाके में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी।
जमानत देते समय विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने कुछ शर्तें लगाईं, इनमें अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ना और सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करना शामिल है।
इससे पहले, टाइटलर ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने मामले के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया था।
सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने जमानत पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि गवाहों ने आगे आकर बहुत साहस दिखाया है और उन्हें प्रभावित करने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
–आईएएनएस
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