नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। इस हफ्ते निफ्टी 2.57 प्रतिशत टूटा, जो 20 फरवरी, 2023 को समाप्त सप्ताह के बाद से सबसे तेज गिरावट है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख दीपक जसानी ने ये बात कही है।
निफ्टी में गिरावट से निकट अवधि में निचला स्तर बनने के संकेत दिखे। 19,645 से नीचे की गिरावट निफ्टी को 19460-19480 बैंड तक ले जा सकती है, जबकि बढ़ने पर निफ्टी को निकट अवधि में 19,849 पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है।
मुनाफे और नुकसान के बीच झूलने के बाद निफ्टी शुक्रवार को लगातार चौथे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। निफ्टी 0.34 फीसदी या 68.1 अंक नीचे 19,674.3 पर आ गया।
केंद्रीय बैंक की बैठकों से भरे सप्ताह के बाद शुक्रवार को वैश्विक शेयरों में गिरावट आई और अमेरिकी यील्ड कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जिससे संकेत मिला कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें लंबे समय तक ऊंची रहेंगी।
बैंक ऑफ जापान (बीओजे) शुक्रवार को बेहद आसान मौद्रिक नीति पर कायम रहा और अपने दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं किया।
जसानी ने कहा कि ईपीएफआर वैश्विक आंकड़ों के अनुसार, 20 सितंबर तक सप्ताह में वैश्विक स्तर पर इक्विटी फंडों से 16.9 अरब डॉलर की निकासी हुई।
बोनान्ज़ा पोर्टफोलियो के शोध विश्लेषक वैभव विदवानी ने कहा कि अधिकांश सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में थे। निफ्टी पीएसयू बैंक ने आज 3.51 प्रतिशत की बढ़त के साथ बेहतर प्रदर्शन किया। भारत को 28 जून, 2024 से शुरू होने वाले जेपी मॉर्गन के ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स-इमर्जिंग मार्केट्स (ईएम) में शामिल किया जाएगा, जिसमें सूचकांक में भारत का वजन अधिकतम 10 प्रतिशत तक सीमित होगा और सरकारी बॉन्ड का मूल्य 330 बिलियन डॉलर होगा।
उन्होंने कहा कि पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, कोल इंडिया, एनटीपीसी, एचडीएफसी लाइफ निफ्टी में शीर्ष पर रहे, जबकि एचडीएफसी बीके, अल्ट्राटेक, डीआरएल, विप्रो सबसे ज्यादा पिछड़े।
–आईएएनएस
एसकेपी