नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। देश में निवेश 2014-15 और 2022-23 के बीच 65 फीसदी बढ़कर 32,78,096 करोड़ रुपये से 54,34,691 करोड़ रुपये हो गया है।
सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर अर्थव्यवस्था में निवेश करते हैं, इसका संकेत भारतीय अर्थव्यवस्था में सकल स्थिर पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) से मिलता है।
2014-15 में यह जीएफसीएफ 32.78 लाख करोड़ रुपये (2011-12 की स्थिर कीमतें) था, जो 65 फीसदी बढ़कर 32.78 लाख करोड़ रुपये हो गया।
2022-23 में 54.35 लाख करोड़ (अनंतिम अनुमान के अनुसार)।
देश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए विशेष सहायता की योजना और पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता की योजना भी लागू करती है।
केंद्र ने पूंजीगत परियोजनाओं पर पूंजीगत व्यय के लिए 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के रूप में विशेष सहायता को मंजूरी दी है और जारी की है, इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई और बिजली आदि क्षेत्रों से संबंधित पूंजीगत परियोजनाएं शामिल हैं।
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) भी 2014-15 से लगातार बढ़ा है।
2014-15 और 2021-22 के बीच पिछले सात वित्तीय वर्षों में देश में 443 अरब डॉलर से अधिक का एफडीआई प्रवाह आया है।
–आईएएनएस
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