देहरादून, 30 अगस्त(आईएएनएस)। साल 2000 से जब से उत्तराखंड राज्य उत्तर प्रदेश से अलग हो कर एक नया राज्य बना था तब से ही उत्तराखंड की राजनीति बड़ी दिलचस्प रही है। प्रदेश की राजनीति में कई उतार चढ़ाव आए है। साल 2016 में उत्तराखंड राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। उसके मुख्यमंत्री उस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत थे। उनकी सरकार बीच में ही गिर गई थी। इसके घाव आज तक नहीं भरे हैं।
गुरुवार को एक बार फिर हरीश रावत ने साल 2016 में सरकार गिरने की पीड़ा पर बयान दिया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 2016 में उनकी सरकार गिराए जाने की पीड़ा को सार्वजनिक करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया है। अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट में वीडियो में हरीश रावत ने कहा कि 2016 में हमारी सरकार गिराई गई और कुछ बड़े बड़े लोग पार्टी से टूटकर चले गए। उनके इस कदम से अकेले हरीश रावत को नुकसान नहीं उठाना पड़ा, बल्कि इसका खामियाजा भाजपा और जनता को भी भुगतना पड़ा है।
हरीश रावत ने कहा कि, हरीश रावत उस घर का बेटा है, जिसकी माता को अपने पति की मृत्यु होने पर दो घरों में जाकर कफन की व्यवस्था के लिए पैसा मांगना पड़ा। अगर उनके मायके से सहायता नहीं मिलती, तो शायद मेरी माता मन माफिक तरीके से अपने पति का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पातीं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, भले ही मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने बहुत कुछ खोया। लेकिन प्रश्न मेरा नहीं है। बल्कि कांग्रेस ,उत्तराखंड और स्वयं दल बदलू नेताओं ने भी बहुत कुछ खोया है। 2016 में उनकी सरकार गिरने पर भाजपा और राज्य के आम आदमी ने भी बहुत कुछ खोया है। लेकिन किसने क्या खोया, इन सब विषयों पर मैं निरंतर जनता के बीच जाकर बातचीत करता रहूंगा, और यह बातचीत कई दिनों तक जारी रहेगी।
–आईएएनएस
स्मिता/सीबीटी