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Home अर्थजगत

2017 और 2020 के बीच डिजिटल रूप से वितरित ऋण 12 गुना बढ़ा : आरबीआई पैनल की रिपोर्ट

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March 30, 2023
in अर्थजगत
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2017 और 2020 के बीच डिजिटल रूप से वितरित ऋण 12 गुना बढ़ा : आरबीआई पैनल की रिपोर्ट
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नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। 2017 और 2020 के बीच बैंकों और गैर-बैंक वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा डिजिटल मोड के माध्यम से ऋण वितरण की मात्रा में 12 गुना वृद्धि हुई है, यह जानकारी आरबीआई पैनल की एक रिपोर्ट में दी गई है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित कार्य समूह के निष्कर्षों के अनुसार, 2017 और 2020 के बीच, वितरित ऋणों की मात्रा 11,671 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,41,821 करोड़ रुपये हो गई, यानी 12 गुना वृद्धि हुई।

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रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन संस्थाओं द्वारा वितरित किए गए अधिकांश ऋण व्यक्तिगत ऋण थे, इसके बाद छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को दिए गए ऋण थे। साथ ही रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, 1 जनवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2021 के बीच देश में लगभग 1,100 ऋण देने वाले ऐप थे।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। 2017 और 2020 के बीच बैंकों और गैर-बैंक वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा डिजिटल मोड के माध्यम से ऋण वितरण की मात्रा में 12 गुना वृद्धि हुई है, यह जानकारी आरबीआई पैनल की एक रिपोर्ट में दी गई है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित कार्य समूह के निष्कर्षों के अनुसार, 2017 और 2020 के बीच, वितरित ऋणों की मात्रा 11,671 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,41,821 करोड़ रुपये हो गई, यानी 12 गुना वृद्धि हुई।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन संस्थाओं द्वारा वितरित किए गए अधिकांश ऋण व्यक्तिगत ऋण थे, इसके बाद छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को दिए गए ऋण थे। साथ ही रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, 1 जनवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2021 के बीच देश में लगभग 1,100 ऋण देने वाले ऐप थे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। 2017 और 2020 के बीच बैंकों और गैर-बैंक वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा डिजिटल मोड के माध्यम से ऋण वितरण की मात्रा में 12 गुना वृद्धि हुई है, यह जानकारी आरबीआई पैनल की एक रिपोर्ट में दी गई है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित कार्य समूह के निष्कर्षों के अनुसार, 2017 और 2020 के बीच, वितरित ऋणों की मात्रा 11,671 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,41,821 करोड़ रुपये हो गई, यानी 12 गुना वृद्धि हुई।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन संस्थाओं द्वारा वितरित किए गए अधिकांश ऋण व्यक्तिगत ऋण थे, इसके बाद छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को दिए गए ऋण थे। साथ ही रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, 1 जनवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2021 के बीच देश में लगभग 1,100 ऋण देने वाले ऐप थे।

–आईएएनएस

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित कार्य समूह के निष्कर्षों के अनुसार, 2017 और 2020 के बीच, वितरित ऋणों की मात्रा 11,671 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,41,821 करोड़ रुपये हो गई, यानी 12 गुना वृद्धि हुई।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन संस्थाओं द्वारा वितरित किए गए अधिकांश ऋण व्यक्तिगत ऋण थे, इसके बाद छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को दिए गए ऋण थे। साथ ही रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, 1 जनवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2021 के बीच देश में लगभग 1,100 ऋण देने वाले ऐप थे।

–आईएएनएस

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित कार्य समूह के निष्कर्षों के अनुसार, 2017 और 2020 के बीच, वितरित ऋणों की मात्रा 11,671 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,41,821 करोड़ रुपये हो गई, यानी 12 गुना वृद्धि हुई।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन संस्थाओं द्वारा वितरित किए गए अधिकांश ऋण व्यक्तिगत ऋण थे, इसके बाद छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को दिए गए ऋण थे। साथ ही रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, 1 जनवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2021 के बीच देश में लगभग 1,100 ऋण देने वाले ऐप थे।

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित कार्य समूह के निष्कर्षों के अनुसार, 2017 और 2020 के बीच, वितरित ऋणों की मात्रा 11,671 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,41,821 करोड़ रुपये हो गई, यानी 12 गुना वृद्धि हुई।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन संस्थाओं द्वारा वितरित किए गए अधिकांश ऋण व्यक्तिगत ऋण थे, इसके बाद छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को दिए गए ऋण थे। साथ ही रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, 1 जनवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2021 के बीच देश में लगभग 1,100 ऋण देने वाले ऐप थे।

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित कार्य समूह के निष्कर्षों के अनुसार, 2017 और 2020 के बीच, वितरित ऋणों की मात्रा 11,671 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,41,821 करोड़ रुपये हो गई, यानी 12 गुना वृद्धि हुई।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन संस्थाओं द्वारा वितरित किए गए अधिकांश ऋण व्यक्तिगत ऋण थे, इसके बाद छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को दिए गए ऋण थे। साथ ही रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, 1 जनवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2021 के बीच देश में लगभग 1,100 ऋण देने वाले ऐप थे।

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित कार्य समूह के निष्कर्षों के अनुसार, 2017 और 2020 के बीच, वितरित ऋणों की मात्रा 11,671 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,41,821 करोड़ रुपये हो गई, यानी 12 गुना वृद्धि हुई।

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित कार्य समूह के निष्कर्षों के अनुसार, 2017 और 2020 के बीच, वितरित ऋणों की मात्रा 11,671 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,41,821 करोड़ रुपये हो गई, यानी 12 गुना वृद्धि हुई।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन संस्थाओं द्वारा वितरित किए गए अधिकांश ऋण व्यक्तिगत ऋण थे, इसके बाद छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को दिए गए ऋण थे। साथ ही रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, 1 जनवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2021 के बीच देश में लगभग 1,100 ऋण देने वाले ऐप थे।

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