नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की 2020 के दंगों के सिलसिले में उनके खिलाफ दर्ज पांच प्राथमिकी में जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी।
याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अनीश दयाल की एकल पीठ के न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई तीन फरवरी के लिए सूचीबद्ध कर दी।
हुसैन की ओर से पेश वकील रिजवान ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल का मामला पिछले तीन साल से लंबित है और उनके अलावा सभी जमानत पर हैं।
21 दिसंबर को हुसैन के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने अदालत के सामने पेश होकर तर्क दिया था कि जिस व्यक्ति पर गोली चलाने का आरोप लगाया गया था, उसके अलावा सभी सह-आरोपी उसी मामले में जमानत पर हैं। इसके अलावा, उन्होंने तर्क दिया कि हुसैन को किसी भी आग्नेयास्त्र का उपयोग करते हुए किसी ने नहीं देखा।
खुर्शीद ने कहा था : चार्जशीट में ही कहा गया है कि जब दंगे हो रहे थे, उस समय हुसैन लगातार पुलिस से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे और मैं यह दिखाऊंगा।
खुर्शीद ने 13 दिसंबर को तर्क दिया था कि संबंधित प्राथमिकी दिल्ली दंगों के मामले में दयालपुर पुलिस स्टेशन में हुसैन के खिलाफ दर्ज सभी पांच प्राथमिकियों के समान कॉपी-पेस्ट पैटर्न का पालन करती है। उन्होंने कहा कि गवाहों के बयान एक जैसे ही हैं।
खुर्शीद ने हुसैन के खिलाफ दिल्ली दंगों में बड़ी साजिश का मुद्दा उठाए जाने पर भी आपत्ति जताई थी।
उन्होंने तर्क दिया था : एक बड़ी साजिश या बचकानी साजिश क्या है? मैंने जो किया है, उसके लिए मुझे ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
उन्होंने तर्क दिया था कि सिर्फ इसलिए कि हुसैन उस क्षेत्र के निवासी हैं, उन पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया था।
उन्होंने कहा था, यह निर्विवाद है कि हुसैन का घर उस क्षेत्र में है। आप यह तर्क भी सुनेंगे कि हुसैन अपने परिवार को दूसरे घर में ले गया और फिर इस घर में वापस आ गया, लेकिन यह स्पष्ट है, क्योंकि किसी को अपने घर की सुरक्षा के लिए वहां रहना होगा।
–आईएएनएस
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