ब्रुसेल्स, 10 जनवरी (आईएएनएस)। यूरोपीय संघ द्वारा वित्तपोषित कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (सी3एस) ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2024, 1850 के बाद से वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म वर्ष रहा। 1850 में वैश्विक तापमान की माप शुरूआत हुई थी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने यूरोपीय जलवायु निकाय की प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से बताया कि 2024 पहला कैलेंडर वर्ष है, जिसमें औसत वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा, जो कि पेरिस समझौते द्वारा निर्धारित एक महत्वपूर्ण सीमा है।
2024 में वैश्विक औसत तापमान 15.1 डिग्री सेल्सियस था। यह 2023 से 0.12 डिग्री सेल्सियस अधिक था जो अब तक सबसे गर्म वर्ष था। कोपरनिकस ने कहा कि यह पूर्व-औद्योगिक स्तर के अनुमान से 1.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
कोपरनिकस ने कहा कि यह पूर्व-औद्योगिक स्तर के अनुमान से 1.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
बयान में कहा गया कि 2023 और 2024 के लिए दो साल का औसत भी पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो गया है।
पेरिस समझौते का उद्देश्य वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तर से दो डिग्री सेल्सियस से भी कम पर सीमित रखना है। इस सदी के अंत तक इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य है।
बयान में कहा गया है, “हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि हमने पेरिस समझौते द्वारा निर्धारित सीमा का उल्लंघन किया है – यह कम से कम 20 वर्षों के औसत तापमान विसंगतियों को संदर्भित करता है – लेकिन यह रेखांकित करता है कि वैश्विक तापमान आधुनिक मानव द्वारा अनुभव किए गए तापमान से कहीं अधिक बढ़ रहा है।”
–आईएएनएस
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