नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। कम से कम 100 कंपनियों ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा कराए हैं और इस कारण 2025 में प्राइमरी मार्केट में बड़ी संख्या में पब्लिक इश्यू आने वाले हैं।
बाजार के जानकारों का कहना है कि ये सभी कंपनियों मिलकर आईपीओ के जरिए शेयर बाजार से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटा सकती हैं।
भारतीय आईपीओ बाजार के लिए 2024 एक ऐतिहासिक वर्ष रहा, जिसमें 90 से अधिक कंपनियों ने सामूहिक रूप से 1.62 लाख करोड़ रुपये जुटाए, जो 2023 में जुटाए गए 49,436 करोड़ रुपये से तीगुने से भी अधिक है।
पैंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स के विश्लेषकों ने कहा कि 2025 में भी आईपीओ बाजार में हलचल जारी रहेगी और अनुमानों से पता चलता है कि इस साल कंपनियां दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी जुटा सकती हैं।
वर्तमान में 100 कंपनियों ने सेबी के पास ड्राफ्ट ऑफर लेटर दाखिल किए हैं, जिनमें से कई को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है या मंजूरी का इंतजार है।
कोटक सिक्योरिटीज के एमडी और सीईओ श्रीपाल शाह के अनुसार, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में अपनी स्थिति बनाए हुए है, जिससे यह वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक निवेश गंतव्य बन गया है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा अनुमान है कि इक्विटी बाजार में और तेजी आएगी और कमोडिटीज 2025 में अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर को पार कर जाएंगी। इसके साथ ही जल्दी अर्जित करने के लिए शेयर बाजार में प्रवेश करने वाले युवा निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी से समग्र बाजार में वृद्धि देखने को मिलेगी।
कोटक सिक्योरिटीज ने आगे कहा कि घरेलू स्तर पर आधार मजबूत बना हुआ है, लेकिन सर्तक रहने की आवश्यकता है। महंगे वैल्यूएशन के बीच लंबी अवधि के निवेशकों को क्वालिटी एसेट्स पर फोकस करना चाहिए।
–आईएएनएस
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