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Home ताज़ा समाचार

2025 में अपनी पहली उड़ान भर सकता है एलसीए तेजस मार्क-2

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September 15, 2024
in ताज़ा समाचार
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जोधपुर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। स्वदेशी आधुनिक लड़ाकू विमान एलसीए तेजस मार्क-2 के 2025 में अपनी पहली उड़ान भरने की संभावना है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

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कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

–आईएएनएस

पीएसएम/एफजेड

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जोधपुर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। स्वदेशी आधुनिक लड़ाकू विमान एलसीए तेजस मार्क-2 के 2025 में अपनी पहली उड़ान भरने की संभावना है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

–आईएएनएस

पीएसएम/एफजेड

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जोधपुर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। स्वदेशी आधुनिक लड़ाकू विमान एलसीए तेजस मार्क-2 के 2025 में अपनी पहली उड़ान भरने की संभावना है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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जोधपुर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। स्वदेशी आधुनिक लड़ाकू विमान एलसीए तेजस मार्क-2 के 2025 में अपनी पहली उड़ान भरने की संभावना है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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जोधपुर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। स्वदेशी आधुनिक लड़ाकू विमान एलसीए तेजस मार्क-2 के 2025 में अपनी पहली उड़ान भरने की संभावना है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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जोधपुर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। स्वदेशी आधुनिक लड़ाकू विमान एलसीए तेजस मार्क-2 के 2025 में अपनी पहली उड़ान भरने की संभावना है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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जोधपुर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। स्वदेशी आधुनिक लड़ाकू विमान एलसीए तेजस मार्क-2 के 2025 में अपनी पहली उड़ान भरने की संभावना है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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जोधपुर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। स्वदेशी आधुनिक लड़ाकू विमान एलसीए तेजस मार्क-2 के 2025 में अपनी पहली उड़ान भरने की संभावना है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

–आईएएनएस

पीएसएम/एफजेड

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जोधपुर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। स्वदेशी आधुनिक लड़ाकू विमान एलसीए तेजस मार्क-2 के 2025 में अपनी पहली उड़ान भरने की संभावना है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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जोधपुर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। स्वदेशी आधुनिक लड़ाकू विमान एलसीए तेजस मार्क-2 के 2025 में अपनी पहली उड़ान भरने की संभावना है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। भारतीय वायुसेना इस स्वदेशी और आधुनिक लड़ाकू विमान को में 2035 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (एएमसीए) को 2040 तक अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम के दौरान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के अधिकारी वाजी राजपुरोहित ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि तेजस मार्क-2 इसके ही पूर्ववर्ती एलसीए तेजस मार्क-1 का आधुनिक वर्जन है। इस एयरक्राफ्ट में मार्क-1 की तुलना में आधुनिक हथियार होंगे। इसके साथ ही इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (फ्लाई-बाय-वायर) भी शामिल होगा। इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। 2025 तक हम इस विमान की पहली उड़ान भी कर लेंगे। इसके अलावा हमारी पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एमका की पहली उड़ान हम 2028 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा। इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु की इस्तेमाल किया जाता है। यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। हम इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा।

बता दें कि तेजस भारत की रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित किया गया विमान है। यह सिंगल इंजन डेल्टा विंग बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने तैयार किया है। एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था। इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था।

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