नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। दुनिया भर में इस साल जनवरी से सितंबर तक चिकनगुनिया के मामले बढ़कर 4.4 लाख से अधिक हो गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरान चिकनगुनिया से 155 लोगों की मौतें भी हुई हैं।
चिकनगुनिया का प्रकोप 40 देशों में देखने को मिल रहा है, जिनमें कुछ ऐसे देश भी शामिल हैं, जहां पहले इसके मामलों की संख्या ज्यादा नहीं थी।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया, ”जनवरी से सितंबर 2025 के बीच कुल 4,45,271 लोग चिकनगुनिया से संक्रमित पाए गए हैं।”
इस समय चिकनगुनिया सबसे ज्यादा अमेरिका के क्षेत्र में फैली है, जहां 3,28,920 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद यूरोप का नंबर आता है, जहां मुख्यत: फ्रांसीसी ओवरसीज क्षेत्रों से 56,456 मामलों की पुष्टि हुई है। इस क्षेत्र में 40 लोगों की मौत हुई है।
भारत में, 1 जनवरी से 31 मार्च 2025 के बीच, कुल 30,876 संदिग्ध मामले और 1,741 पुष्ट मामले दर्ज किए गए। इस बीमारी के सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु से सामने आए हैं। हालांकि, भारत में अब तक चिकनगुनिया से कोई मौत दर्ज नहीं हुई है।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित एक नई शोध से पता चला है कि दुनिया में हर साल लगभग 1.40 करोड़ लोग चिकनगुनिया से संक्रमित होने के खतरे से जूझ रहे हैं।
इस अध्ययन का नेतृत्व लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने किया है। उन्होंने कहा है कि भारत में चिकनगुनिया का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिल सकता है। अनुमान है कि भारत में हर साल लगभग 51 लाख लोग इस बीमारी के जोखिम में रहेंगे।
ब्राजील और इंडोनेशिया भी इस बीमारी से बहुत प्रभावित हो सकते हैं। भारत और ब्राजील में होने वाले मामले दुनिया के आधे से ज्यादा चिकनगुनिया के मामलों और स्वास्थ्य प्रणाली पर पड़ने वाले दबाव के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। यह बीमारी एडीज नाम के मच्छर के काटने से फैलती है। यह बच्चों, बूढ़ों, और पहले से बीमार लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
चिकनगुनिया मच्छरों के काटने से फैलती है, खासतौर पर एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर इस बीमारी के प्रमुख वाहक हैं। ये मच्छर डेंगू और जीका जैसी अन्य बीमारियों को भी फैलाते हैं। यह बीमारी नए इलाकों में तब फैलती है जब संक्रमित लोग वहां यात्रा करके जाते हैं और वहां स्थानीय मच्छर इस वायरस को फैलाने लगते हैं।
–आईएएनएस
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