deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

2030 तक स्टील का उत्पादन दोगुना कर 300 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष किया जाएगा : सिंधिया

by
February 16, 2023
in ताज़ा समाचार
0
2030 तक स्टील का उत्पादन दोगुना कर 300 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष किया जाएगा : सिंधिया
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

READ ALSO

रामलीला में भगवान परशुराम की भूमिका निभाएंगे भाजपा सांसद मनोज तिवारी

बिग बॉस 19: अमाल मलिक की आवाज के फैन हुए अक्षय कुमार

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक इस्पात उत्पादन को मौजूदा 15 करोड़ टन से दोगुना करके 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने के लिए बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी।

ग्लोबल जिंक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जंग मुक्त स्टील के उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस्पात उत्पादों में ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जंग-रोधी विशेषताओं और गुणवत्ता के साथ, जस्ता में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे क्षेत्रों के लिए जबरदस्त विपणन क्षमता है। गैल्वनाइज्ड स्टील हमारी लंबी तटरेखा के साथ-साथ मौजूद बुनियादी ढांचे को लंबा जीवन देगा।

मंत्री ने कहा कि भारत इस समय दुनिया में जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत में उत्पादित जस्ता का 80 प्रतिशत घरेलू स्तर पर खपत होता है।

सिंधिया ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में उभरा है और इसकी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत पिछले नौ वर्षो के दौरान 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों द्वारा प्रस्तुत 54 आवेदनों को सम्मानित किया है।

जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 55,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निवेश में मदद करेगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बड़े पूंजीगत खर्च की घोषणा की है, जिससे सभी क्षेत्रों में निवेश के जबरदस्त अवसर खुले हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

Related Posts

ताज़ा समाचार

रामलीला में भगवान परशुराम की भूमिका निभाएंगे भाजपा सांसद मनोज तिवारी

September 14, 2025
ताज़ा समाचार

बिग बॉस 19: अमाल मलिक की आवाज के फैन हुए अक्षय कुमार

September 14, 2025
ताज़ा समाचार

महिला एशिया कप हॉकी : फाइनल में भारतीय टीम को चीन ने 1-4 से हराया

September 14, 2025
ताज़ा समाचार

कांग्रेस ने लंबे समय तक किया वोट चोरी: बीएल वर्मा

September 14, 2025
राजस्थान: सीबीआई ने भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी मामले में बर्खास्त कांस्टेबल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की
ताज़ा समाचार

राजस्थान: सीबीआई ने भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी मामले में बर्खास्त कांस्टेबल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की

September 14, 2025
ताज़ा समाचार

बांग्लादेश: भीड़ हिंसा और अल्पसंख्यकों पर हमलों के कारण चुनावों की विश्वसनीयता पर संदेह

September 14, 2025
Next Post
इरोड-पूर्व उपचुनाव : अन्नाद्रमुक, द्रमुक के अनधिकृत चुनाव कार्यालय सील

इरोड-पूर्व उपचुनाव : अन्नाद्रमुक, द्रमुक के अनधिकृत चुनाव कार्यालय सील

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

100275
Total views : 5978301
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In