नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में सरकारी अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। चर्चित निर्भया मामले की वकील सीमा कुशवाहा ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।
आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि महिलाएं 21वीं सदी में भी सुरक्षित नहीं है। महिला डॉक्टर के साथ जघन्य अपराध हुआ है। पश्चिम बंगाल की सरकार कह रही है कि हम आरोपियों को फांसी की सजा दिलाएंगे। लेकिन सवाल ये है कि क्या एक अकेला व्यक्ति ऐसे जघन्य अपराध को अंजाम दे सकता है ? वो इस हद तक एक महिला के साथ घिनौनी हरकत कर सकता है ? यह बहुत बड़ा सवाल है।
उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष सीबीआई जांच होना बेहद जरूरी है, जिसका सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है। हमारे देश में 50 प्रतिशत महिला की आबादी है, लेकिन किसी भी राज्य या शहर में कोई यह नहीं कह सकता है कि यहां महिलाएं सुरक्षित हैं।
निर्भया केस में चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन लोगों के अंदर भरोसा नहीं है। यह मामला भी बिल्कुल निर्भया की तरह ही लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी ने रेप करने के बाद उसकी बॉडी को क्षति पहुंचाया । पीड़िता की दोनों आंखो से खून बह रहा था, और शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोट के निशान थे।
उन्होंने कहा कि आखिर लोगों के अंदर ऐसी मानसिकता कहां से आ रही है ? एक तरफ हम कहते हैं कि महिलाओं को आजादी देनी चाहिए। उनका सशक्तिकरण होना चाहिए। लेकिन मैं पूछना चाहती हूं कि जिन महिलाओं को बाहर निकल कर काम करने की आजादी है, उनकी सुरक्षा की स्थिति आज क्या है ? क्या हम उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित कर पा रहे हैं ?
अयोध्या में कुछ दिन पहले एक 12 साल की बच्ची के साथ यौन शोषण की घटना सामने आई, वो गर्भवती हो गई। एक तरफ हम 21वीं सदी में नए भारत की बात कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ हम महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित क्यों नहीं कर पा रहे हैं ? उन अपराधियों की मानसिकता बदलने और ऐसी वारदातों को रोकने के लिए अभी तक कोई पायलट प्रोजेक्ट क्यों नहीं बना ? हमें इसके लिए जमीन पर काम करने की जरूरत है।
बता दें कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामले में देशव्यापी हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहा। डॉक्टर सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। स्थानीय पुलिस भी पूछताछ कर रही है।
–आईएएनएस
एसएम/सीबीटी