नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार का कहना है कि उनके द्वारा वित्त पोषित दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडीज के लिए उम्मीदवारों की सूची भेजी गई है, लेकिन डीयू प्रशासन इनके नामांकन को मंजूरी नहीं दे रहा है। दिल्ली सरकार के मुताबिक इन वित्त पोषित कॉलेजों में एडहॉक शिक्षकों को समायोजित करने के बजाय प्रिंसिपल अपनी मनमानी थोप रहे हैं। कॉलेजों में प्रिंसिपल अपॉइंटमेंट्स व एडॉहक टीचर्स को परमानेंट कराने की जिम्मेदारी गवनिर्ंग बॉडी की होती है।
इसको देखते हुए अब दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 कॉलेजों के लिए पूरी तरह कार्यात्मक गवर्निंग बॉडीज के जल्द से जल्द गठन की मांग की है। साथ ही इन कॉलेजों में गवनिर्ंग बॉडी के लिए दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए नामों को तुरंत अप्रूव करने का अनुरोध किया गया है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि केजरीवाल सरकार के इन 28 कॉलेजों में फुल फ्लेज्ड गवर्निंग बॉडी के गठन के बिना कोई साक्षात्कार नहीं होना चाहिए। क्योंकि दिल्ली सरकार की मंशा ऐसे सिस्टम का निर्माण करना है, जिससे मौजूदा एडहॉक शिक्षकों के समायोजन को पहली प्राथमिकता दी जाए।
इस संबंध में आप विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 28 सरकारी वित्त पोषित कॉलेजों की गवर्निंग बॉडीज के लिए उम्मीदवारों की सूची भेजी है लेकिन डीयू प्रशासन नामांकन को मंजूरी नहीं दे रहा है। शिक्षक संगठन एएडीटीए के नेशनल प्रेसिडेंट प्रो. आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि 100 साल पुराने एजुकेशन इंस्टीट्यूट को खत्म करना की कोशिश हो रही है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेज ऐसे हैं, जिसमें गवर्निंग बॉडीज की सरंचना के लिए दिल्ली सरकार मेंबर्स को नियुक्त करती है। इन 28 कॉलेजों में से 12 कॉलजों में 100 फीसद फंडिंग दिल्ली सरकार द्वारा की जाती है। जबकि 16 कॉलेज 5 फीसद फंडिंग दिल्ली सरकार करती है। इन 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडीज के लिए दिल्ली सरकार सदस्यों के नाम भेजती है। इसके बाद उन नामों को एग्जीक्यूटिव काउंसिल के समक्ष अप्रूव कराया जाता है।
सोमनाथ भारती ने कहा कि यह गवर्निंग बॉडी बेहद महत्वपूर्ण होती है। कॉलेज में प्रिंसिपल का अपॉइंटमेंट, एडॉहक टीचर्स को परमानेंट कराने की जिम्मेदारी गवर्निंग बॉडी की होती है। केजरीवाल सरकार का शुरू से उद्देश्य रहा है कि जिन एडहॉक शिक्षकों ने अपने जीवन के 15 से 20 साल कॉलेजों में बच्चों को पढ़ाने के लिए दिए हैं, उन्हें कॉलेज में परमानेंट टीचर्स की भर्ती के दौरान प्राथमिकता दी जाए। इसलिए यह जरूरी है कि कॉलेजों में गवनिर्ंग बॉडीज बने। दिल्ली सरकार की तरफ से भेजे गए नॉमिनीज के नामों को एग्जीक्यूटिव काउंसिल अप्रूव करें, ताकि पूरी तरह कार्यात्मक गवनिर्ंग बॉडीज अपने काम में लगे।
विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि कुछ दिनों पहले भारती कॉलेज में प्रिंसिपल के अपॉइंटमेंट के लिए असिस्टेंट रजिस्ट्रार के माध्यम से 3 नॉमिनीज का नाम भेजा गया। हमने मुद्दा उठाया कि इन तीन नॉमिनीज पर एग्जीक्यूटिव काउंसिल का अप्रूवल नहीं है। भारती कॉलेज के अंदर 3 नॉमिनी गैर-कानूनी तरीके से लाए गए। कॉलेजों में प्रिंसिपल अपनी मनमर्जी थोप रहे हैं, हम इसकी निंदा करते हैं। हमारी मांग है कि इन 28 कॉलेजों की गवनिर्ंग बॉडीज के लिए दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए नॉमिनीज को तुरंत ही एग्जीक्यूटिव काउंसिल में अप्रूव करें। ताकि इन कॉलेजों मे फुली फ्लेज्ड गवनिर्ंग बॉडीज बने। उसके बाद ही अन्य प्रोसेस शुरू हो। फुली फ्लेज्ड गवनिर्ंग बॉडीज के बगैर किसी भी व्यक्ति का अपॉइंटमेंट गैर-कानूनी माना जाएगा। डीयू के कुलपति लोकतांत्रिक तरीके से लिए गए फैसलों की अवमानना ना करें।
–आईएएनएस
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