नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। सरदार पटेल की जयन्ती के दिन देश में 31 अक्टूबर को एक बहुत बड़े राष्ट्रव्यापी संगठन की नींव रखी जा रही है। इस संगठन का नाम है ‘मेरा युवा भारत’। यह संगठन भारत के युवाओं को राष्ट्रनिर्माण के विभिन्न आयोजनों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यह बात ‘मन की बात’ के दौरान कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक यह विकसित भारत के निर्माण में भारत की युवा शक्ति को एकजुट करने का एक अनोखा प्रयास है।
पीएम ने कहा कि ‘मेरा युवा भारत’ की वेबसाइट भी शुरू होने वाली है। उन्होंने कहा कि मैं युवाओं से आग्रह करूंगा कि आप सभी मेरे देश के नौजवान, आप सभी मेरे देश के बेटे-बेटी इस वेबसाइट पर रजिस्टर करें।
पीएम ने कहा, “मेरे परिवारजनों, हमारा साहित्य, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को प्रगाढ़ करने के सबसे बेहतरीन माध्यमों में से एक है। मैं आपके साथ तमिलनाडु की गौरवशाली विरासत से जुड़े दो बहुत ही प्रेरक प्रयासों को साझा करना चाहता हूं। मुझे तमिल की प्रसिद्ध लेखिका बहन शिवशंकरी जी के बारे में जानने का अवसर मिला है। उन्होंने एक प्रोजेक्ट किया है ‘निट इंडिया थ्रू लिटरेचर’ इसका मतलब है, साहित्य से देश को एक धागे में पिरोना और जोड़ना। वे इस प्रोजेक्ट पर बीते 16 सालों से काम कर रही है। इस प्रोजेक्ट के जरिए उन्होंने 18 भारतीय भाषाओं में लिखे साहित्य का अनुवाद किया है। उन्होंने कई बार कन्याकुमारी से कश्मीर तक और इंफाल से जैसलमेर तक देशभर में यात्राएं की ताकि अलग-अलग राज्यों के लेखकों और कवियों के इंटरव्यू कर सकें। शिवशंकरी जी ने अलग-अलग जगहों पर अपनी यात्रा की, ट्रैवल कमेंट्री के साथ उन्हें पब्लिश किया है। यह तमिल और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में है। इस प्रोजेक्ट में चार बड़े वॉल्यूम हैं और हर वॉल्यूम भारत के अलग-अलग हिस्से को समर्पित है। मुझे उनकी इस संकल्प शक्ति पर गर्व है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “साथियो, कन्याकुमारी के थिरु ए. के. पेरूमल जी का काम भी बहुत प्रेरित करने वाला है। उन्होंने तमिलनाडु के ये जो स्टोरी टेलिंग ट्रेडीशन हैं, उसको संरक्षित करने का सराहनीय काम किया है। वे अपने इस मिशन में पिछले 40 सालों से जुटे हैं। इसके लिए वे तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में ट्रेवल करते हैं और फोक आर्ट फ्रॉम को खोज कर उसे अपनी बुक का हिस्सा बनाते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उन्होंने अब तक ऐसी करीब 100 किताबें लिख डाली हैं। इसके अलावा पेरूमल जी का एक और भी पैशन है। तमिलनाडु के टेंपल कल्चर के बारे में रिसर्च करना उन्हें बहुत पसंद है। उन्होंने लेदर पपेट पर भी काफी रिसर्च की है, जिसका लाभ वहां के स्थानीय लोक कलाकारों को हो रहा है। शिवशंकरी जी और ए. के. पेरूमल जी के प्रयास हर किसी के लिए एक मिसाल हैं। भारत को अपनी संस्कृति को सुरक्षित करने वाले ऐसे हर प्रयास पर गर्व है, जो हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूती देने के साथ ही देश का नाम, देश का मान, सब कुछ बढ़ाये।”
–आईएएनएस
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