नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ को अपग्रेड और सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा। युद्धपोत को अपग्रेड करने पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा, जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा। युद्धपोत के अपग्रेडेशन के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ अनुबंध किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 313.42 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस अनुबंध पर 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस ब्यास’ के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।