नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश की प्रगति और विकास में एकता और अखंडता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जब हम अपने देश को एकजुट और सशक्त बनाए रखने की बात करते हैं, तो यह हमारे समर्पण और संकल्प का प्रतीक होता है। ऐसा ही एक दिन है 4 अक्टूबर, जिसे राष्ट्रीय अखंडता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय समाज में एकता और अखंडता के महत्व को रेखांकित करने और समाज के सभी वर्गों को एकजुट रखने के लिए प्रेरित करता है।
राष्ट्रीय अखंडता दिवस की जड़ें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन महानायक नेताओं के विचारों से जुड़ी हैं, जिन्होंने विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। विशेषकर सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान उल्लेखनीय है, जिन्होंने रियासतों को भारतीय गणराज्य में विलय कर एक अखंड राष्ट्र का निर्माण किया। राष्ट्रीय अखंडता का तात्पर्य केवल भौगोलिक सीमाओं की सुरक्षा से नहीं, बल्कि समाज के भीतर सांस्कृतिक, धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय विविधताओं के बावजूद एकता बनाए रखने से है। भारत जैसे विविधता से भरे देश में एकता को बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेकिन जब हम इसे अपने दिल और विचारों में स्वीकार करते हैं, तो यह हमारे राष्ट्र की शक्ति बन जाता है।
राष्ट्रीय अखंडता दिवस यह है कि समाज के हर वर्ग, धर्म, और क्षेत्र से जुड़े लोग एक साथ मिलकर राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को समझें और अपने देश की अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लें। वर्तमान परिदृश्य में हम ग्लोबलाइजेशन और तकनीकी विकास के दौर में है। ऐसे में राष्ट्रीय अखंडता दिवस का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह दिवस हमें हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है कि हम अपनी व्यक्तिगत पहचान और मूल्यों को बनाए रखते हुए, राष्ट्र की एकता और अखंडता के प्रति समर्पित रहें।
राष्ट्रीय अखंडता दिवस हमें यह सिखाता है कि चाहे हमारी भाषाएं, धर्म या संस्कृतियां अलग हों, हम सभी भारतीय हैं। एकता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। जब देश के नागरिक एकजुट होंगे, तभी हम आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर सकेंगे। सरदार पटेल के योगदान और उनके विचार हमें प्रेरित करते हैं कि हम अपने मतभेदों को किनारे रखकर राष्ट्र के विकास के लिए कार्य करें।
‘लौह पुरुष’ के नाम से जाने जाने वाले सरदार पटेल ने देश की अखंडता के लिए अतुलनीय योगदान दिया। जब स्वतंत्रता के बाद भारत विभाजन की कगार पर था, तब पटेल ने कूटनीति और दूर दृष्टि से सैकड़ों रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने का कार्य किया। उनकी इस महान उपलब्धि के कारण ही आज भारत एक अखंड राष्ट्र के रूप में खड़ा है। पटेल की दृढ़ निश्चयता और नेतृत्व के कारण आज हम एकजुट भारत का सपना देख सकते हैं। इस दिन हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए कि हम देश की अखंडता और एकता के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। हमारा यह प्रयास ही राष्ट्र को सशक्त और समृद्ध बना सकता है। 4 अक्टूबर हमें यह याद दिलाता है कि जब तक हम सभी एकजुट रहेंगे, तब तक हमारा राष्ट्र एक सशक्त और समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर रहेगा।
–आईएएनएस
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