नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने बुधवार को 5जी ऐप और सेवाओं को विकसित करने के लिए शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 प्रयोगशालाएं स्थापित करने की घोषणा की। गौरतलब है कि देश में पिछले साल अक्टूबर में 5जी सेवाओं की शुरुआत हुई थी। इसका श्रेय रिलायंस जियो और भारती एयरटेल को जाता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने केंद्रीय बजट 2023-24 के भाषण में कहा, नए अवसरों, व्यापार मॉडल और रोजगार की संभावनाओं का एहसास करने के लिए 5जी लैब स्मार्ट क्लासरूम, सटीक खेती, परिवहन प्रणाली और स्वास्थ्य देखभाल में इस्तेमाल किया जाएगा।
2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में मंगलवार को कहा गया था कि 5जी सेवाओं की शुरुआत नए आर्थिक अवसरों को खोल सकती है और देश को विकास के लिए पारंपरिक बाधाओं को दूर करने में मदद कर सकती है। यह स्टार्टअप्स और व्यावसायिक उद्यमों द्वारा नवाचारों को बढ़ावा दे सकती है और डिजिटल इंडिया दृष्टि को आगे बढ़ा सकती है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि 5जी उपभोक्ताओं को उच्च डेटा ट्रांसफर गति और कम विलंबता के माध्यम से सीधे प्रभावित कर सकता है और शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रमिक सुरक्षा और स्मार्ट कृषि में टेलीकॉम और स्टार्ट-अप द्वारा विकसित मामलों का उपयोग अब देश भर में किया जा रहा है।
इसमें कहा गया है, डिजिटलीकरण की व्यापक लहर, स्मार्टफोन की बढ़ती पैठ और प्रौद्योगिकी नए युग के दरवाजे खोल दिए हैं।
इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप, सीएमआर के हेड प्रभु राम के अनुसार, भारतीय इंजीनियरिंग संस्थानों में 5जी एप्लिकेशन विकसित करने के लिए 100 लैब स्थापित करने का प्रस्ताव 5जी द्वारा प्रस्तुत नए अवसरों का एहसास करने और भारत-विशिष्ट विकसित करने के लिए सही दिशा में एक कदम है।
–आईएएनएस
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