जबलपुर. सरकारी कार्यालयों में कोविड काल से शुरू हुआ ५ डे वर्किंग कल्चर का ढर्रा जल्द समाप्त हो सकता है। प्रदेश सरकार सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियों को लेकर जल्द अहम बदलाव कर सकती है। वर्तमान में सरकारी कर्मचारी सप्ताह में पांच दिन काम करते हैं, जिसमें शनिवार और रविवार की छुट्टी होती है। कोविड-१९ के दौरान शुरू किया गया यह ५ डे वर्किंग कल्चर अब खत्म होने की कगार पर है।
हालांकि कर्मचारी अब ५ डे वर्किंग कल्चर छोड़ने तैयार नहीं। कर्मचारी संगठन ने सरकार से मांग की है कि जयंती अवकाशों को कम किया जाए लेकिन शनिवार का अवकाश बना रहे। सरकार द्वारा गठित की गई कमेटी इस विषय पर विचार कर रही है। इस बदलाव का कर्मचारियों पर क्या असर पड़ेगा।
राज्य सरकार ने अभी तक ५ डे वर्किंग कल्चर को समाप्त करने पर अंतिम निर्णय नहीं लिया है लेकिन यह स्पष्ट है कि इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। चार विभागों के आईएएस अफसरों की कमेटी इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करेगी, जो सरकार को सुझाव देगी कि क्या इस बदलाव को लागू किया जाना चाहिए या नहीं। कर्मचारी संघ का कहना है कि अगर सरकार कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रखने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, तो शनिवार का अवकाश निरस्त नहीं किया जाना चाहिए।
सालभर में मिलती हैं १९६ छुट्टियां सरकारी कर्मचारियों को विशेष प्रकार की छुट्टियां मिलती हैं। अक्टूबर महीने में ही उन्हें १२ घोषित छुट्टियां और ४ ऐच्छिक अवकाश मिलते हैं।
यानी, अक्टूबर में सिर्फ १५ दिन कर्मचारियों को काम करने का मौका मिलेगा। सालभर में अगर हम देखें तो कर्मचारियों को कुल १९६ सरकारी छुट्टियां मिलती हैं, जो पूरे साल के ३६५ दिनों का एक बड़ा हिस्सा है। जिसके बाद उन्हें सिर्फ १६९ दिन ही कार्य करना होता है।
जनता को मिलेगी राहत अगर ५ डे वर्किंग कल्चर समाप्त होता है, तो कर्मचारियों को सप्ताह में केवल एक दिन की छुट्टी मिलेगी लेकिन इससे जनता को अत्यधिक राहत मिल सकती है।
आम नागरिकों की माने तो ५ डे वर्किंग कल्चर के चलते उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अधिकांश सरकारी कर्मचारी वैसे ही काम से जी चुराते हैं रही सही कसर ५ डे वर्किंग कल्चर निकाल रहा है।सरकारी कार्यालयों से खत्म होगा ५ डे वर्किंग कल्चर!
जबलपुर। सरकारी कार्यालयों में कोविड काल से शुरू हुआ ५ डे वर्किंग कल्चर का ढर्रा जल्द समाप्त हो सकता है। प्रदेश सरकार सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियों को लेकर जल्द अहम बदलाव कर सकती है।
वर्तमान में सरकारी कर्मचारी सप्ताह में पांच दिन काम करते हैं, जिसमें शनिवार और रविवार की छुट्टी होती है। कोविड-१९ के दौरान शुरू किया गया यह ५ डे वर्किंग कल्चर अब खत्म होने की कगार पर है। हालांकि कर्मचारी अब ५ डे वर्किंग कल्चर छोड़ने तैयार नहीं। कर्मचारी संगठन ने सरकार से मांग की है कि जयंती अवकाशों को कम किया जाए लेकिन शनिवार का अवकाश बना रहे। सरकार द्वारा गठित की गई कमेटी इस विषय पर विचार कर रही है।
इस बदलाव का कर्मचारियों पर क्या असर पड़ेगा। राज्य सरकार ने अभी तक ५ डे वर्किंग कल्चर को समाप्त करने पर अंतिम निर्णय नहीं लिया है लेकिन यह स्पष्ट है कि इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
चार विभागों के आईएएस अफसरों की कमेटी इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करेगी, जो सरकार को सुझाव देगी कि क्या इस बदलाव को लागू किया जाना चाहिए या नहीं। कर्मचारी संघ का कहना है कि अगर सरकार कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रखने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, तो शनिवार का अवकाश निरस्त नहीं किया जाना चाहिए।
सालभर में मिलती हैं 196 छुट्टियां
सरकारी कर्मचारियों को विशेष प्रकार की छुट्टियां मिलती हैं। अक्टूबर महीने में ही उन्हें १२ घोषित छुट्टियां और ४ ऐच्छिक अवकाश मिलते हैं। यानी, अक्टूबर में सिर्फ १५ दिन कर्मचारियों को काम करने का मौका मिलेगा। सालभर में अगर हम देखें तो कर्मचारियों को कुल १९६ सरकारी छुट्टियां मिलती हैं, जो पूरे साल के ३६५ दिनों का एक बड़ा हिस्सा है। जिसके बाद उन्हें सिर्फ १६९ दिन ही कार्य करना होता है।
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जनता को मिलेगी राहत
अगर ५ डे वर्किंग कल्चर समाप्त होता है, तो कर्मचारियों को सप्ताह में केवल एक दिन की छुट्टी मिलेगी लेकिन इससे जनता को अत्यधिक राहत मिल सकती है। आम नागरिकों की माने तो ५ डे वर्किंग कल्चर के चलते उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अधिकांश सरकारी कर्मचारी वैसे ही काम से जी चुराते हैं रही सही कसर ५ डे वर्किंग कल्चर निकाल रहा है।