नई दिल्ली/जैसलमेर, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। जीएसटी काउंसिल ने शनिवार को लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर दर में कटौती का फैसला टाल दिया है।
लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी कटौती उद्योगों की लंबे समय से पेंडिंग चल रही मांग है, क्योंकि इस कदम से बीमाकर्ताओं और पॉलिसीधारकों दोनों पर कर का बोझ कम होगा।
जानकारों के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जैसलमेर में अपनी 55वीं बैठक में जीएसटी काउंसिल ने इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए संभावित कर परिवर्तनों पर फैसला टाल दिया है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नेतृत्व में मंत्रियों के समूह (जीओएम) के अधिकांश पैनल सदस्यों ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम पर “पूर्ण छूट” की वकालत की थी, कुछ पैनल सदस्यों ने दर को मौजूदा 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया।
सम्राट चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, “कुछ सदस्यों ने कहा कि अधिक चर्चा की आवश्यकता है। जनवरी में जीओएम की फिर से बैठक होगी।”
जीओएम ने टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी से छूट का सुझाव दिया।
हेल्थ इंश्योरेंस कवर के लिए वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का भी प्रस्ताव किया गया।
वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए, 5 लाख रुपये तक की पॉलिसी को कवर करने वाले हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट की सिफारिश की गई।
हालांकि, 5 लाख रुपये से अधिक कवरेज वाली पॉलिसियों पर मौजूदा 18 प्रतिशत जीएसटी दर लागू रहेगी।
जीएसटी काउंसिल अपनी अगली बैठक में सिफारिशों पर आगे विचार-विमर्श करेगी, क्योंकि कुछ और तकनीकी पहलुओं को सुलझाया जाना है।
इस बीच, जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर पर जीओएम को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए जून 2025 तक छह महीने का विस्तार मिलने की संभावना है।
बैठक में एक अन्य प्रमुख एजेंडा यह तय करना है कि फूड डिलीवरी प्लेटफार्मों द्वारा डिलीवरी शुल्क पर 5 प्रतिशत जीएसटी 2022 से पूर्वव्यापी रूप से लागू किया जाएगा या नहीं।
वर्तमान में, फूड डिलीवरी कंपनियां डिलीवरी शुल्क पर जीएसटी का भुगतान नहीं करती हैं। इसके अलावा, जीएसटी काउंसिल द्वारा विमानन टरबाइन ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर भी विचार किए जाने की संभावना है।
–आईएएनएस
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