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Home राष्ट्रीय

5,600 से ज्यादा रक्षा उपकरण केवल भारतीय उद्योगों से खरीद रही सरकार

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August 16, 2024
in राष्ट्रीय
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5,600 से ज्यादा रक्षा उपकरण केवल भारतीय उद्योगों से खरीद रही सरकार
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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। मोदी सरकार का जोर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर रहा है। इसके लिए सरकार की ओर कई कदम उठाए गए हैं। साथ ही नीतियों में बदलाव किया गया है। सरकार द्वारा अब 5,600 से ज्यादा रक्षा उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदे जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

–आईएएनएस

एबीएस/एबीएम

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। मोदी सरकार का जोर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर रहा है। इसके लिए सरकार की ओर कई कदम उठाए गए हैं। साथ ही नीतियों में बदलाव किया गया है। सरकार द्वारा अब 5,600 से ज्यादा रक्षा उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदे जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

–आईएएनएस

एबीएस/एबीएम

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। मोदी सरकार का जोर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर रहा है। इसके लिए सरकार की ओर कई कदम उठाए गए हैं। साथ ही नीतियों में बदलाव किया गया है। सरकार द्वारा अब 5,600 से ज्यादा रक्षा उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदे जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। मोदी सरकार का जोर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर रहा है। इसके लिए सरकार की ओर कई कदम उठाए गए हैं। साथ ही नीतियों में बदलाव किया गया है। सरकार द्वारा अब 5,600 से ज्यादा रक्षा उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदे जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

–आईएएनएस

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। मोदी सरकार का जोर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर रहा है। इसके लिए सरकार की ओर कई कदम उठाए गए हैं। साथ ही नीतियों में बदलाव किया गया है। सरकार द्वारा अब 5,600 से ज्यादा रक्षा उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदे जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। मोदी सरकार का जोर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर रहा है। इसके लिए सरकार की ओर कई कदम उठाए गए हैं। साथ ही नीतियों में बदलाव किया गया है। सरकार द्वारा अब 5,600 से ज्यादा रक्षा उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदे जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

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वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। मोदी सरकार का जोर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर रहा है। इसके लिए सरकार की ओर कई कदम उठाए गए हैं। साथ ही नीतियों में बदलाव किया गया है। सरकार द्वारा अब 5,600 से ज्यादा रक्षा उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदे जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

–आईएएनएस

एबीएस/एबीएम

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। मोदी सरकार का जोर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर रहा है। इसके लिए सरकार की ओर कई कदम उठाए गए हैं। साथ ही नीतियों में बदलाव किया गया है। सरकार द्वारा अब 5,600 से ज्यादा रक्षा उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदे जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। मोदी सरकार का जोर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर रहा है। इसके लिए सरकार की ओर कई कदम उठाए गए हैं। साथ ही नीतियों में बदलाव किया गया है। सरकार द्वारा अब 5,600 से ज्यादा रक्षा उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदे जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय रक्षा के ज्यादातर जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात किया जाता था। लेकिन, हमारी सरकार का फोकस देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के प्रयासों के कारण 5,600 से अधिक डिफेंस उपकरणों को केवल भारतीय उद्योगों से खरीदा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के निर्यात से 32.5 प्रतिशत ज्यादा है।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6,915 करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का निर्यात हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 के पहली तिमाही के आंकड़े 3,885 करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत ज्यादा है।

–आईएएनएस

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