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59 प्रतिशत भारतीय मानते हैं एआई से काम आसान होगा, नतीजे बेहतर होंगे : रिपोर्ट

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March 12, 2024
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59 प्रतिशत भारतीय मानते हैं एआई से काम आसान  होगा, नतीजे बेहतर होंगे : रिपोर्ट
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नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर भारतीयों का नजरिया पॉजिटिव है। मंगलवार को जारी की गई एक नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। करीब 59 फीसदी भारतीयों का मानना है कि ‘एआई’ से काम आसान
होगा और बेहतर परिणाम होंगे।

ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

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भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/

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नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर भारतीयों का नजरिया पॉजिटिव है। मंगलवार को जारी की गई एक नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। करीब 59 फीसदी भारतीयों का मानना है कि ‘एआई’ से काम आसान
होगा और बेहतर परिणाम होंगे।

ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर भारतीयों का नजरिया पॉजिटिव है। मंगलवार को जारी की गई एक नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। करीब 59 फीसदी भारतीयों का मानना है कि ‘एआई’ से काम आसान
होगा और बेहतर परिणाम होंगे।

ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर भारतीयों का नजरिया पॉजिटिव है। मंगलवार को जारी की गई एक नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। करीब 59 फीसदी भारतीयों का मानना है कि ‘एआई’ से काम आसान
होगा और बेहतर परिणाम होंगे।

ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर भारतीयों का नजरिया पॉजिटिव है। मंगलवार को जारी की गई एक नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। करीब 59 फीसदी भारतीयों का मानना है कि ‘एआई’ से काम आसान
होगा और बेहतर परिणाम होंगे।

ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

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होगा और बेहतर परिणाम होंगे।

ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

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ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

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सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

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होगा और बेहतर परिणाम होंगे।

ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

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करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

–आईएएनएस

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होगा और बेहतर परिणाम होंगे।

ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

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होगा और बेहतर परिणाम होंगे।

ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

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ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

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सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

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ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

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रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

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भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

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करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

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नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर भारतीयों का नजरिया पॉजिटिव है। मंगलवार को जारी की गई एक नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। करीब 59 फीसदी भारतीयों का मानना है कि ‘एआई’ से काम आसान
होगा और बेहतर परिणाम होंगे।

ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/

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नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर भारतीयों का नजरिया पॉजिटिव है। मंगलवार को जारी की गई एक नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। करीब 59 फीसदी भारतीयों का मानना है कि ‘एआई’ से काम आसान
होगा और बेहतर परिणाम होंगे।

ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

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नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर भारतीयों का नजरिया पॉजिटिव है। मंगलवार को जारी की गई एक नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। करीब 59 फीसदी भारतीयों का मानना है कि ‘एआई’ से काम आसान
होगा और बेहतर परिणाम होंगे।

ऑटोमोटिव और उपभोक्ता उत्पाद निर्माता बॉश के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत भारतीयों और विश्व स्तर पर 73 प्रतिशत लोगों ने जेनरेटिव एआई को इंटरनेट के उदय जितना ही योग्य होने की हिमायत की।

भारत में बॉश ग्रुप के अध्यक्ष और बॉश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा, ”सर्वे एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की बढ़ती सहमति और उत्साह को दर्शाता है। भारत स्थिरता, गतिशीलता, विनिर्माण और दैनिक जीवन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई-संचालित समाधानों के लिए उत्सुक है।”

सर्वे में भारत समेत सात देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हुए।

सर्वे में शामिल होने वाले विश्व के 64 प्रतिशत लोगों ने एआई को भविष्य में सबसे प्रभावशाली तकनीक के रूप में रैंकिंग दी है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच आशावाद की एक मजबूत भावना का पता चला है, जिनमें से 76 प्रतिशत व्यक्तिगत रूप से एआई के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के आगामी युग के लिए तैयार महसूस करते हैं।

करीब 81 प्रतिशत भारतीयों और 71 प्रतिशत विश्व के जवाबकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 48 प्रतिशत भारतीय आसान और बिना बाधा के पार्किंग की सुविधा के लिए एआई-संचालित समाधान की भी उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय एआई कंटेंट की अनिवार्य लेबलिंग पर सहमत हैं।

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