नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के छह साल में सरकार ने 5,070 धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाया जिसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम के लिए लोगों ने पैन और आधार विवरण का दुरुपयोग किया।
इन 5,000 मामलों से 27,426 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला है। हालांकि पिछले छह वर्षों में वसूली केवल 922 करोड़ रुपये की हुई है।
ये आंकड़े 1 जुलाई, 2017 (जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत) और 30 जून, 2023 के बीच के हैं।
महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु जीएसटी पंजीकरण के दुरुपयोग के धोखाधड़ी के मामलों में शीर्ष तीन में हैं, जहां क्रमशः 765, 713 और 632 मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र में 3,889 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई, जबकि केवल 171 करोड़ रुपये की वसूली हुई। दिल्ली में 4,326 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई, जबकि वसूली केवल 159 करोड़ रुपये की हुई और तमिलनाडु में 1,877 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई और वसूली केवल 44 करोड़ रुपये की हुई।
दिलचस्प बात यह है कि 16 मई 2023 से 9 जुलाई 2023 के बीच सरकार ने आश्चर्यजनक रूप से 9,369 फर्जी संस्थाओं का पता लगाया। साथ ही 10,902 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला। हालांकि इन फर्जी संस्थाओं से केवल 45 करोड़ रुपये की वसूली हुई है।
–आईएएनएस
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