नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। देश में 76 फीसदी लोग चाहते हैं कि सरकार लिफ्ट रखरखाव के लिए अनिवार्य मानक लाए। शनिवार को आई एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है।
ऑनलाइन कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकलसर्कल्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन सालों में लिफ्ट का इस्तेमाल करने वाले छह में से लगभग एक व्यक्ति के परिवार का एक या अधिक सदस्य लिफ्ट में फंस गया है।
केवल 46 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनका निर्माता के साथ वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) है।
नोएडा के सेक्टर 137 में पारस टिएरा सोसायटी में 70 वर्षीय महिला की लिफ्ट में फंसने से मौत के बाद ये रिपोर्ट आयी है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि लिफ्ट रखरखाव के लिए अनुबंध जून में समाप्त हो गया था।
लोगों के लिफ्टों में फंसने, लिफ्टों के गिरने की ऐसी घटनाएं न केवल आवासीय सोसाइटी, बल्कि कार्यालय भवनों, शॉपिंग मॉल, कारखानों और कई अन्य प्रकार के प्रतिष्ठानों में आम हैं।
एक अन्य मामले में, पिछले हफ्ते, पुणे में 10 साल से कम उम्र के दो बच्चे एक लिफ्ट में चमत्कारिक रूप से बच गए, जब लिफ्ट दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ऐसी घटनाएं आम हैं।
लोकलसर्किल्स ने भारत के 329 जिलों में रहने वाले 42,000 से अधिक लोगों पर सर्वेक्षण किया। लिफ्ट वाली इमारतों में रहने वाले कुल 13,333 लोगों ने लिफ्ट में फंसने के मुद्दे पर प्रश्न का उत्तर दिया।
लिफ्टों का रखरखाव कैसे किया जाता है, इस पर अन्य 13,954 लोगों ने किस सवाल का जवाब दिया। लगभग 46 प्रतिशत ने कहा कि लिफ्ट का रखरखाव निर्माता द्वारा किया जा रहा है; 42 प्रतिशत ने साझा किया कि इसका रखरखाव तीसरे पक्ष के ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है; 7 प्रतिशत ने दावा किया कि इसका रखरखाव सोसायटी स्टाफ/अन्य कर्मचारियों द्वारा किया जाता है और 5 प्रतिशत ने कहा कि कोई भी इसका रखरखाव नहीं करता है, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर कॉल पर लोग आते हैं।
लोकलसर्किल्स ने ये भी पूछा कि लिफ्ट का बेहतर रखरखाव कैसे किया जाए। 14,973 में से 76 प्रतिशत ने साझा किया कि सरकार को लिफ्ट रखरखाव के लिए अनिवार्य मानक बनाने चाहिए और इसे लागू करना चाहिए।
यह देखते हुए कि अधिकांश नई इमारतों और अपार्टमेंट परिसरों में लिफ्ट है, यह महत्वपूर्ण है कि सरकार न केवल लिफ्टों की प्रोटोकॉल बल्कि रखरखाव के लिए भी अनिवार्य नियम बनाए।
–आईएएनएस
एसकेपी