प्रयागराज, 16 जनवरी (आईएएनएस)। द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज ने गुरुवार को कहा कि आजादी के बाद देश में 78 साल में अल्पसंख्यकों को मूल निवासियों से अधिक सुविधाएं मिलीं।
सदानंद सरस्वती ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में वक्फ बोर्ड के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वक्फ बोर्ड का न तो संविधान में प्रावधान है, न कुरान में; यह दोनों में मौजूद नहीं है। इसकी क्या जरूरत है? जब पाकिस्तान बना तो भारत का धर्म के आधार पर बंटवारा हुआ। हालांकि, बंटवारा होना नहीं था, लेकिन उस समय की परिस्थितियों को देखते हुए हुआ। उसके बाद उन्हें संतुष्ट होना चाहिए। वक्फ बोर्ड की क्या जरूरत है।
उन्होंने कहा कि लोग कुछ भी कह देते हैं। कुंभ मेला में कह दिया कि 56 बीघा जमीन वक्फ बोर्ड की है। क्या प्रमाण है और क्या सबूत है। देश की जो परिस्थिति है, और देश का जो संचालन चल रहा है उसमें विघ्न पैदा करना, इनके असंतोष को दिखाता है।
सदानंद सरस्वती ने कहा कि आजादी के बाद से अल्पसंख्यकों को जितनी सुविधाएं दी जा रही हैं उतनी तो यहां पर मूल निवासियों को नहीं मिल रही हैं। फिर भी इन्हें संतोष नहीं है। वक्फ बोर्ड की क्या आवश्यकता है, ये लोग कौन सा देशहित में काम कर रहे हैं? इसलिए कह रहे हैं कि वक्फ बोर्ड को समाप्त किया जाना चाहिए। कल को यह कहने लगे कि वक्फ की जमीन पर लोकसभा बनी हुई है, तो कौन मानेगा। हर चीज का प्रमाण देना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने दावा किया है कि कुंभ मेले का आयोजन वक्फ बोर्ड की जमीन पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुसलमान बड़ा दिल दिखाकर कुंभ के आयोजन के लिए जमीन दे रहे हैं। हालांकि, वक्फ बोर्ड की ओर से कहा गया है कि यह दावा बेबुनियाद है।
–आईएएनएस
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