बेंगलुरु, 24 फरवरी (आईएएनएस)। संगठनों में विविधता और समान कार्य संस्कृति में वृद्धि का खुलासा करने वाली गुरुवार की एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 में से नौ भारतीय महिला ब्लू कॉलर कर्मचारियों को विश्वास है कि उन्हें समान वेतन मिलेगा।
जॉब साइट इनडीड द्वारा द पल्स ऑफ इंडियाज ब्लू कॉलर वर्कफोर्स शीर्षक वाली रिपोर्ट में दिखाया गया है कि 93 प्रतिशत पुरुष कर्मचारी भी संगठनों द्वारा वेतन समानता पर सहमत हैं।
इसके अलावा, 70 प्रतिशत महिला कर्मचारियों ने कहा कि वे अपने पुरुष समकक्षों के साथ वेतन में असमानता के मामले में अपने बॉस से बात करेंगी, जबकि 21 प्रतिशत ने कहा कि वे नौकरी छोड़ देंगी।
सोशल इम्पैक्ट मैनेजर, संजुक्ता घोष ने एक रिपोर्ट में कहा, हमारा डेटा दिखाता है कि जब समान वेतन, समान लिंग प्रतिनिधित्व के महत्व और इसके लाभों की बात आती है तो नीले कॉलर वाले पुरुषों और महिलाओं में कमोबेश समानता पाई जाती है।
लगभग 96 प्रतिशत कर्मचारी इस बात से भी सहमत हैं कि उनकी कंपनी मानसिक सहायता, वित्तीय सहायता, सेवानिवृत्ति लाभ, लचीले काम आदि के रूप में अतिरिक्त लाभ/सहायता प्रदान करती है।
लगभग 97 प्रतिशत नियोक्ता सोचते हैं कि लैंगिक समानता महत्वपूर्ण है और वे अपने संगठनों में विविधता और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व में सुधार के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि अभी भी चुनौतियां हैं जो प्रबल हैं। महिलाओं की सहायता के लिए सहायक प्रणालियों की कमी (56 प्रतिशत), लैंगिक समानता के बारे में शिक्षा की कमी (53 प्रतिशत), और सामाजिक विचार (49 प्रतिशत) लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए प्रमुख बाधाएं हैं।
शोध में ब्लू कॉलर सेगमेंट में 508 नियोक्ता और 1,001 कर्मचारी शामिल थे। ब्लू कॉलर सेगमेंट में 1,001 कर्मचारियों में से 653 पुरुष और 348 महिलाएं थीं।
–आईएएनएस
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