नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। गुरुवार को जारी वित्त मंत्रालय के एक दस्तावेज में कहा गया है कि जून तिमाही में घरेलू विनिर्माण उत्पादन में सुधार को इनपुट कीमतों में गिरावट और मजबूत आंतरिक मांग से मदद मिली।
मंत्रालय ने आगाह किया कि खाद्य मुद्रास्फीति में हालिया वृद्धि से संकेत मिलता है कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सतर्क रुख अपनाना चाहिए।
वित्त मंत्रालय की गुरुवार को जारी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा गया है, “मौसम संबंधी व्यवधानों के कारण फलों, सब्जियों और दालों और उत्पादों की कीमतों में वृद्धि से सीपीआई-खाद्य मुद्रास्फीति मई में 3 प्रतिशत से बढ़कर जून में 4.5 प्रतिशत हो गई, जो आरबीआई और सरकार द्वारा सतर्क दृष्टिकोण की आवश्यकता को रेखांकित करती है।“
सकारात्मक पक्ष पर दस्तावेज़ में कहा गया है कि विकास के मामले में, देश की घरेलू बुनियाद मजबूत बनी हुई है और राजकोषीय प्रदर्शन में सुधार के साथ-साथ विनिर्माण और सेवाओं में निरंतर विस्तार, सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों द्वारा जोरदार पूंजीगत व्यय के साथ मिलकर अच्छे समर्थन का संकेत मिलता है।
हालांकि, भारत को प्रतिकूल विकास के प्रति सचेत रहने की जरूरत है, जो विकास पथ में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
–आईएएनएस
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