चंडीगढ़, 5 अगस्त (आईएएनएस)। हरियाणा के नूंह जिले में तीसरे दिन शनिवार को एक मेडिकल कॉलेज के पास केमिस्ट दुकानों सहित लगभग 45 अवैध व्यावसायिक दुकानों को जमींदोज कर दिया गया है। इसमें कुछ दुकानें हिंसा के संदिग्धों की भी शामिल थीं।
अधिकारियों ने नलहर रोड पर एसएचकेएम सरकारी मेडिकल कॉलेज के आसपास 2.6 एकड़ भूमि पर अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया। अधिकांश अस्थायी दुकानें सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले अप्रवासियों की थीं। भारी पुलिस तैनाती के बीच इन्हें ध्वस्त कर दिया गया।
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट अश्विनी कुमार ने मीडिया को बताया, ”यह सभी अवैध निर्माण थे। ध्वस्तीकरण के लिए मालिकों को नोटिस दिए गए थे। हिंसा में अवैध ढांचों के कुछ मालिक भी शामिल थे।
तीसरे दिन विध्वंस नलहर क्षेत्र में किया गया है। यहां पर ज्यादातर झुग्गियां उन आरोपियों की थीं, जिन्होंने नलहर महादेव मंदिर में छिपे लगभग 2,500 तीर्थयात्रियों पर गोलियां चलाई थीं। वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से झुग्गियां बनाई गईं थीं।
स्थानीय प्रशासन ने उन घरों को ध्वस्त कर दिया है, जिनके बारे में संदेह है वे घर उन व्यक्तियों के हैं जो सोमवार को हुए सांप्रदायिक संघर्ष में शामिल थे। इस हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी और 70 लोग घायल हो गए थे।
राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने दावा किया है कि नूंह में झड़प के पीछे की हिंसा एक ‘बड़े गेम प्लान’ का हिस्सा थी। हिंसा के संबंध में अब तक 176 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हिंसा बीते सोमवार को पहली बार एक हिंदू धार्मिक जुलूस के दौरान अफवाहों के बाद भड़की थीं कि इसमें भगोड़ा गौरक्षक मोनू मानेसर भी शामिल होगा। मोनू मानेसर भिवानी में हुई हत्याओं का मुख्य आरोपी है।
अनिल विज ने कहा कि उन्हें 31 जुलाई की हिंसा पर कोई खुफिया इनपुट साझा नहीं किया गया था और यहां तक कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने भी उन्हें सूचित किया था कि उनके पास भी जानकारी नहीं है।
अनिल विज ने चंडीगढ़ में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुझसे कोई खुफिया इनपुट साझा नहीं किया गया। मैंने एसीएस (गृह) और डीजीपी से भी पूछा था और उन्होंने कहा कि उनके पास भी जानकारी नहीं है।
नूंह हिंसा पर विज ने कहा कि अब एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक सीआईडी इंस्पेक्टर ने दावा किया है कि उसे सब कुछ पहले से पता था। अगर उन्हें पता था तो उन्होंने इसकी जानकारी किसे दी।
राज्य के गृह मंत्री को हिंसा के पीछे बड़े गेम प्लान की आशंका है। उन्होंने कहा कि लोग मंदिरों के पास की पहाड़ियों पर चढ़ गए, उनके हाथों में लाठियां थीं और एंट्री प्वाइंट्स पर इकट्ठा हो गए, यह सब एक उचित योजना के बिना संभव नहीं है। गोलियां चलीं, ये सब एक योजना का हिस्सा है। हम गहन जांच के बिना जल्दी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचेंगे।
–आईएएनएस
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