बीजिंग, 6 अगस्त (आईएएनएस)। हाल ही में आयोजित तीसरे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश कला और शिल्प मास्टर नामकरण और प्रशस्ति सम्मेलन से पता चला कि हाल के वर्षों में, तिब्बत में जातीय हस्तशिल्प उद्योग का मजबूत विकास हुआ और उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त हुए।
आंकड़ों के मुताबिक, अब तक पूरे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में जातीय हस्तशिल्प उद्योग में 2,500 से अधिक व्यावसायिक संस्थाएँ पंजीकृत और संचालित है, जिनमें निर्दिष्ट आकार से ऊपर के छह उद्यम और 34 हज़ार से अधिक व्यवसायी शामिल हैं।
वर्तमान में, तिब्बत में जातीय हस्तशिल्प उत्पादों की दो हज़ार से अधिक किस्में हैं। ल्हासा शहर में उच्च स्तरीय थांगखा चित्र और धातु की ढलाई, शिकाजे शहर में जातीय वेशभूषा और पारंपरिक तिब्बती धूप, शान्नान शहर में कांसे के बर्तन बनाना और तिब्बती लकड़ी पर नक्काशी, चेॆगदू शहर में सोने और चाँदी के आभूषण और सजावटी पेंटिंग, न्यिंग-ची शहर में तिब्बती चाकू इत्यादि।
वर्तमान में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में ल्हासा शहर, चेंगदू आर्थिक विकास क्षेत्र, पाईलांग काउंटी, नीमू काउंटी, और ज़ानांग काउंटी में पांच जातीय हस्तशिल्प औद्योगिक पार्क उपलब्ध हैं।
बताया गया है कि तिब्बत ने कला और शिल्प की प्रतिभाओं के लिए मूल्यांकन मानकों में लगातार सुधार किया है, और नवाचार व उद्यमशीलता के लिए प्रतिभाओं की जीवन शक्ति को प्रोत्साहित करता है।
आंकड़ों के अनुसार, अब तक, तिब्बत में पांच राष्ट्र स्तरीय कला तथा शिल्प विशेषज्ञ, 65 स्वायत्त प्रदेश स्तरीय कला तथा शिल्प विशेषज्ञ और 126 प्रीफेक्चर (शहर) स्तरीय कला और शिल्प विशेषज्ञ हैं।
–आईएएनएस
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