नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हिप-हॉप टाइटन और रैपर बादशाह ने हिप-हॉप शैली के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना एक असेंबल है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है।
आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
–आईएएनएस
पीके/एबीएम
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नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हिप-हॉप टाइटन और रैपर बादशाह ने हिप-हॉप शैली के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना एक असेंबल है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है।
आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
–आईएएनएस
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आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
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आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
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आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
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आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
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नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हिप-हॉप टाइटन और रैपर बादशाह ने हिप-हॉप शैली के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना एक असेंबल है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है।
आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
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आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
–आईएएनएस
पीके/एबीएम
नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हिप-हॉप टाइटन और रैपर बादशाह ने हिप-हॉप शैली के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना एक असेंबल है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है।
आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
–आईएएनएस
पीके/एबीएम
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नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हिप-हॉप टाइटन और रैपर बादशाह ने हिप-हॉप शैली के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना एक असेंबल है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है।
आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हिप-हॉप टाइटन और रैपर बादशाह ने हिप-हॉप शैली के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना एक असेंबल है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है।
आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हिप-हॉप टाइटन और रैपर बादशाह ने हिप-हॉप शैली के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना एक असेंबल है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है।
आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
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नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हिप-हॉप टाइटन और रैपर बादशाह ने हिप-हॉप शैली के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना एक असेंबल है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है।
आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
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आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
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नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हिप-हॉप टाइटन और रैपर बादशाह ने हिप-हॉप शैली के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना एक असेंबल है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है।
आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
आप भारत में हिप हॉप के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?
बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
क्या हर किसी को यह समझने में मुश्किल थी कि आप किस तरह का म्यूजिक कर रहे हैं या करना चाहते हैं?
बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”
–आईएएनएस
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आईएएनएस से बात करते हुए बादशाह, जिनका असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, ने खुलासा किया कि हिप-हॉप उनके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा : “हिप-हॉप एक असेंबल है। यह कई कल्चर और कम्युनिटी से बना है और यह अब तक के सबसे महान आर्ट फॉर्म्स में से एक है। यह पॉप कल्चर का एपिक सेंटर बन गया है, चाहे वह स्नीकर कल्चर हो या स्ट्रीट आर्ट, सभी हिप-हॉप से जुड़े है। 1980 के दशक में हर कोई सोचता था कि हिप-हॉप एक सबकल्चर है जो अपनी चमक खो देगा।”
उन्होंने आगे कहा: “न केवल शैली को नया रूप दिया गया है, बल्कि यह अन्य पहलुओं को भी नया रूप दे रहा है। सोशल, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, एजुकेशनल और कल्चर सिस्टम – हिप-हॉप ने इन सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जैसे-जैसे यह रूपांतरित हुआ है। हिप-हॉप में जब कोई ऐसा करता है तो वह ट्रेंड बन जाता है।”
उन्होंने हिप हॉप को असाधारण बनाने वाली चीज़ों पर अपनी राय साझा की। म्यूजिशियन का कहना है कि यह खुद को खोजने में मदद करता है।
रैपर ने कहा, “हिप-हॉप आपको बाहरी पहलुओं को छोड़कर, आप जैसा बनने के लिए प्रेरित करता है। मुझे लगता है कि खुद को खोजने की कोशिश में हिप-हॉप मेरी मदद करता है क्योंकि कल्चर कहता है कि आपको प्रामाणिक होना होगा। यह शैली इतनी फ्लेक्सिबल है कि कोई भी कलाकार जैसा चाहे वैसा बन सकता है।”
उन्होंने कहा कि हिप-हॉप पॉलिटिकल, फन-लविंग, इमोटिव या पोएटिक हो सकता है और अपने मूल में बहुत प्रासंगिक और प्रामाणिक हो सकता है।
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बादशाह ने कहा, “हिप हॉप का भविष्य भारत में है। भारतीय हिप हॉप म्यूजिक अब क्षेत्रीय या भूमिगत नहीं है और हम एक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं।”
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बादशाह मानते हैं कि यह बेहद मुश्किल था।
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तो ऐसा सोचना बेहद मुश्किल था क्योंकि मैं एक मध्यमवर्गीय परिवेश से था। लेकिन म्यूजिक ने मुझे सपने देखने की हिम्मत दी और मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे क्या महसूस करते हैं क्योंकि यह लगभग हिप हॉप जैसा लगता था। यह मेरे अंदर था।”
“आज, जब कुछ बदल गया है, मैं चांद पर कॉन्सर्ट करने वाला पहला इंसान बनना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में ओ2 एरिना के टॉप पर म्यूजिक वीडियो शूट करने वाला पहला आर्टिस्ट था। मेरे शुरुआती दिनों में, मेरे लिए यह कहना कठिन था कि मैं बेहद निचले स्तर से शुरूआत कर सकता हूं, लेकिन हिप हॉप मेरे लिए मुश्किल परीक्षा थी।”