पटना, 12 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के कई जिलों में बाढ़ ने दस्तक दे दी है। राज्य की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है, इससे निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस रहा है।
राज्य में गंगा, बागमती, कोसी, कमला बालान जैसी नदियां उफान पर हैं। पटना में गंगा नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, गंडक नदी पर बने बाल्मिकीनगर बराज पर जलस्तर शनिवार की सुबह 8 बजे 1.34 लाख क्यूसेक था जो 10 बजे बढ़कर 1.36 लाख क्यूसेक हो गया।
हालांकि कोसी नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। कोसी नदी पर बने वीरपुर बराज में कोसी का जलस्तर सुबह छह बजे 1.36 लाख क्यूसेक था जो 10 बजे भी स्थिर बना हुआ है।
इधर, राज्य की प्रमुख नदियां गंगा, बागमती, कमला, गंडक नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर गई है। गंडक डुमरिया घाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है तो कोसी बलतारा और कुरसेला में लाल निशान से ऊपर है। बागमती कटौंझा और बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर है तो गंगा हाथीदह और कहलगांव में कमला बलान जयनगर और झंझारपुर में तथा बूढ़ी गंडक खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर है।
बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने से मुजफ्फरपुर के औराई, कटरा और गायघाट प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। कई गांव में घरों के अंदर पानी प्रवेश कर जाने से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। गोपालगंज के सदर प्रखंड के रजवाही, सेमरही, जगिरी टोला, मेहंदिया, खाप मकसूदपुर गांव का सड़क संपर्क पहले ही टूट चुका है। बाढ़ से प्रभावित स्कूलों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है।
इधर, गंगा में उफान के बाद दियारा क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ की आशंका को लेकर प्रशासन अलर्ट है। प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। बाढ़ की आशंका के कारण निचले इलाके के लोग घर छोड़कर अन्य स्थानों पर जा रहे हैं।
–आईएएनएस
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